ढोल उतार, स्कूल बैग थाम रोहित पहुंचा स्कूल

बीकानेर, 13 मार्च। एक ही दिन में रोहित की जिदंगी की सुबह की तस्वीर बदल गई। जो हाथ कल तक सुबह होने के साथ ही ढोल का बोझ उठाते गली-गली घूमते थे, बुधवार सुबह आठ वर्षीय रोहित के हाथों में किताब, कॉपी से भरा बैग थमा था। जिदंगी एक नई कहानी लिखने को तैयार थी।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम की पहल पर रोहित का एडमिशन संस्कार स्कूल में हो गया। संस्कार स्कूल संचालक रामनिवास लाहोटी ने ड्रेस, जूते किताबों की व्यवस्था की। रोहित पीठ पर बैग लटकाए स्कूल जाने को बेहद उत्साहित दिखा था। स्कूल में पहला दिन गुजारने के बाद उसके चेहरे की चमक देखने लायक थी। रोहित जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम का शुक्रगुजार है। उसका कहना है कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा कि स्कूल जाने का उसका सपना साकार हो सकेगा। वह अपने आप को भाग्यशाली समझता है कि जिला कलक्टर गौतम की नजर उस पर पड़ी और उसे शिक्षा पाने का यह अवसर प्राप्त हो सका। उसका कहना है कि उसके जैसे वंचित बच्चों को गौतम साब जैसे अधिकारियों की पहल से ही शिक्षा का अवसर मिल सकता है।
गौरतबल है कि मंगलवार को जिला कलक्टर ने नोखा उपखंड कार्यालय के बाहर ढोल की आवाज सुनकर इस बच्चे को कार्यालय में बुलाया और उसे शिक्षा दिलाने के लिए एक निजी स्कूल संचालक को जिम्मा सौंपा। इतना ही नहीं, जिला कलक्टर ने बच्चे को पालनहार सहित विभिन्न योजनाओं में पात्रतानुसार लाभ दिलवाने की प्रक्रिया प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। साथ ही महिला अधिकारिता विभाग से बच्चे की मां को 20 हजार रूपए की एकमुश्त सहायता राशि जारी करने के भी निर्देश दिए।

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