श्रम विभाग बाड़मेर कलेक्टर को गुमराह कर रहा है

श्रम विभाग बाड़मेर कलेक्टर को गुमराह कर रहा है यह बात कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने प्रेस बयान जारी कर बताया की जनवरी 2019 श्रम विभाग ने श्रम आयुक्त राजस्थान सरकार को मांग पत्र में कहां की 5000 स्कूली छात्रों की छात्रवृत्ति का भुगतान करना बाकी है और अब कलेक्टर को जो श्रम विभाग ने जो रिपोर्ट दी है उसमें 300 छात्रों को छात्रवृत्ति दिया जाना बताया गया है इस प्रकार से यह कलेक्टर बाड़मेर को आधारहीन रिपोर्ट पेश कर गुमराह कर रहे हैं ताकि मजदूरों का आहित किया जा सके मृतक हिताधिकारी खुमाराम का 2 साल पहले मृत्यु का आवेदन स्वीकार हुआ था लेकिन उसकी पत्नी का शून्य बैलेंस खाता होने के कारण स्वीकृत राशि खाते में जमा नहीं हुई इसलिए 17 जुलाई 2018 को खुमाराम की धर्मपत्नी दल्लू देवी ने मेल कर पंजाब नेशनल बैंक का नया खाता देकर सहायता राशि दिलवाने की मांग की थी लेकिन श्रम विभाग ने शून्य खाते का हवाला देकर सहायता राशि अटका दी जो सरासर गलत है इसी तरह सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित इशाराम पुत्र नत्था राम का 1 साल पूर्व आवेदन स्वीकृत हुआ था उसके खाते को शून्य खाते बता कर सहायता राशि का भुगतान नहीं किया जबकि देना बैंक मेनेजर बाड़मेर का कहना है की इस खाते में दस लाख तक की सहायता राशि जमा हो सकती है इस तरह हजारों मजदूरों के स्वीकृत आवेदनों पर सहायता राशि को अटकाकर रखा गया है मजदुर नेता लक्ष्मण बडेरा ने बताया की मजदूरों में भारी आक्रोश है और पिछले 3 वर्षों से जो मजदूरों की लड़कियां कुंवारी थी और उनके नाम शुभ शक्ति योजना के तहत आवेदन पेश किए थे उनकी सहायता राशि मिली नहीं और मजदूर को अपनी बेटी की शादी करनी पड़ी बाड़मेर जिले में शुभ शक्ति योजना के तहत 13000 से भी अधिक सहायता आवेदन श्रम विभाग के पास मौजूद है और अब श्रम विभाग भौतिक सत्यापन के नाम शादीशुदा ससुराल में बेठी मजदुर की बेटी को बालोतरा मुख्यालय पर बुलाकर भौतिक सत्यापन करने का अडंगा डालकर सहायता राशी अटका रखी है लेकिन मजदूरों को सहायता नहीं दी जा रही है इसी तरह मजदूरों की मृत्यु व घायल होने की अवस्था में 2000 से भी अधिक सहायता आवेदन मौजूद है लेकिन विभाग सहायता नहीं दे रहा है और ठेकेदारों से श्रम विभाग लेबर सेस राशि इसलिए वसूल करता है कि श्रमिकों के कल्याणकारी योजनाओं में सहायता मजदूरो दी जा सके मगर श्रम विभाग के अधिकारी श्रमिकों के कल्याणकारी योजनाओं में सहायता राशि देने में रोड़े अटकाकर सहायता से वंचित कर रहे हैं बाड़मेर कलेक्टर द्वारा 23/05/2019 को रिपोर्ट मांगने पर बाड़मेर कलेक्टर को भी तथ्य आधारहीन गलत रिपोर्ट पेश कर गुमराह कर रहे हैं इसको लेकर श्रमिक संगठनों में भारी रोष है और आने वाले दिनों में 2 जुलाई मंगलवार को जिला कलेक्टर बाड़मेर के कार्यालय के आगे धरना देकर श्रम विभाग के विरुद्ध प्रदर्शन किया जाएगा !

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