चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं करने पर जवाब तलब

चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं करने पर राज्य सरकार ,निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा जयपुर, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, सांभर लेक व रामकुमार रेवाड़, प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामजी पुरा कला से जवाब तलब किया

जयपुर, 6 अक्टूबर,राजस्थान उच्च न्यायालय,जयपुर की एकल पीठ के न्यायाधीश श्री संजीव कुमार शर्मा ने श्रीमती उषा शेखावत के मामले में राज्य सरकार ,निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा जयपुर, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, सांभर लेक व रामकुमार रेवाड़, प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामजी पुरा कला से जवाब तलब किया है उल्लेखनीय है कि प्रार्थी तृतीय श्रेणी अध्यापिका के पद पर रामजी पुरा कला में नियुक्त है प्रार्थी ने चाइल्ड केयर लीव के लिए पांच बार आवेदन किया परंतु चाइल्ड केयर लीव का प्रार्थना पत्र कोई कार्रवाई नहीं करी और अंतिम प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई करते हुए अनुचित आधारों यह कहते हुए खारिज किया कि प्रार्थी ने पूर्व में भी चाइल्ड के लिए के लिए आवेदन किया था अतः दोहरा प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किया जा सकता ऐसी स्थिति में प्रार्थी ने पूर्व प्रार्थना पत्र वापस ले लिया और निवेदन किया कि जो प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है वह प्रधानाचार्य के अधिकार क्षेत्र में है परंतु प्रधानाचार्य ने कोई कार्रवाई नहीं करी इससे व्यथित होकर के प्रार्थी ने उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत कर निवेदन किया कि प्रार्थना का प्रार्थना पत्र अनुचित रूप से खारिज किया गया जोकि राज्य सरकार के द्वारा चाइल्ड केयर लीव के प्रार्थना पत्र के उद्देश्य विफल करता है ऐसा कृत्य अनुचित हैप्रार्थी के अधिवक्ता डीपी शर्मा का तर्क था कि राज्य सरकार ने कामकाजी महिलाओं को राहत देने के लिए यह विशेष प्रकार का अवकाश नियमों में जोड़ा है ताकि कामकाजी महिलाएं अपने बच्चे की पढ़ाई का ध्यान दे सकें यह भी तर्क दिया कि प्रार्थना को अनुचित परेशान करने के उद्देश्य से उक्त प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किया जबकि राज्य सरकार का स्पष्ट आदेश है कि यदि अवकाश के लिए प्रधानाचार्य सक्षम है अनुचित रूप से अवकाश स्वीकृत करने में देरी नहीं करें मामले की सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी से जवाब तलब किया है

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