मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में घुसे शिकारियों की जमानत होना फॉरेस्ट की मिलीभगत उजागर करती है

राष्ट्रीय पार्क में हथियार ले जाने पर 3 वर्ष की सजा का प्रावधान
भीलवाड़ा। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी व वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व विशेषाधिकारी बाबूलाल जाजू ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व कोटा में घुसे 4 शिकारियों की जमानत हो जाने पर फारेस्ट के अधिकारियों पर मिलीभगत व घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि टाइगर रिजर्व में हथियार लेकर जाना अपराध की श्रेणी में आता है। जाजू ने यह भी बताया कि किसी भी वन्यजीव का पीछा करना भी शिकार की श्रेणी में आता है। वन्य जीव अधिवक्ता महेंद्र सिंह कच्छावा ने बताया कि राष्ट्रीय पार्क में हथियार लेकर घुसने पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की धारा 2 व 9 तथा 51 में 3 से 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है। जाजू ने शिकारियों की जमानत होने पर कहा कि यह वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की न्यायालय में कमजोर पैरवी व मिलीभगत को दर्शाता है। जाजू ने बताया कि पिछले दिनों बूंदी के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में हुए सांभर के शिकार के बावजूद रणथंबोर से बाघो को छोड़ने की तैयारी चल रही है। ऐसे में जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व व रामगढ़ विषधारी में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के पश्चात ही बाघो को छोड़ने की बात कहते हुए बताया कि एक समय सरिस्का में फॉरेस्ट के अधिकारियों की लापरवाही से सरिस्का बाघ विहीन होकर सभी बाघ शिकारियों की भेंट चढ़ गए थे, उक्त घटना को दृष्टिगत रखना चाहिए।

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