उपेक्षित कला छात्रों का कठोर कदम मांगे पूरी नहीं होने तक भूख हड़ताल

जयपुर । राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स में पाठय्क्रमानुसार विषयों के योग्य शिक्षकों की मांग को लेकर पिछले 28 दिनों से चल रहे कक्षाओं के अनिश्चितकालीन बहिष्कार के बाद भी आज तक राज्य सरकार या शिक्षा निदेशालय और उसके अधिकारीयों की तरफ से पूर्णरुप से उपेक्षित विद्यार्थियों नें अभी तक कोई निर्णयात्मक कार्यवाही नही होने से निराश कला विद्यार्थी भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो गए है। कल 6 दिसम्बर से इस कला महाविद्यालय के छात्र हिम्मत गायरी व मक्खन सिंह गुर्जर भूख हड़ताल पर बैठेंगे और जब तक सारी समस्याओं का समाधान नही हो जाता तब तक ये भूख हड़ताल क्रमवार जारी रहेगी।
ऐसा कठोर निर्णय का कारण ये है की २१ दिसंबर से ही परीक्षाएं प्रांरभ हो जाएँगी, इससे आहत और अपने अंधकारमय भविष्य की चिंता से घिरे छात्रों को ये कठोर कदम मजबुरी में उठना पड़ रहा है।
विचारणीय बात ये है कि अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिये नित-नई योजनायें बनाने वाली केन्द्र एवं राज्य सरकार ने इस कला संस्था पर क्यों चुप्पी साध रखी है ?? क्यों शिक्षा निदेशालय इस संस्था में अन्य विषयों के प्राचार्य और व्याख्याताओं की नियुक्ति करता है ?? क्या उन्हें इसका ज्ञान नही है कि अग्रेजी, हिन्दी, इतिहास, राजनीति शस्त्र के व्याख्याता कैसे इन कला विद्यार्थियों को सीखायेगें की रेखांकन कैसे करना, सामने बैठे व्यक्ति का चित्र बनाने के लिए किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिये, ये सब सीखाने के लिये श्रेष्ठ और पूर्ण पारंगत व्याख्याताओं की आवश्यकता है इस संस्था में।
वर्तमान में शिक्षा निदेशालय में तो कोई ऐसा ज्ञानी अधिकारी नही दिखता है, स्वंय शिक्षा आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ तो छात्रों को सीधी धमकीयां देते है कि तुम्हारा कुछ नही हो सकता इस संस्था में जो नियुक्त हुयें है वही रहेगें तुम्हें जो करना है कर लो और तुम्हारा भविष्य खराब होता है तो होने दो।
लेकिन अब छात्र भी अडिग है उच्च शिक्षा के अपने अधिकार को प्राप्त करके ही रहेगें चाहे जान ही चली जायें अब।

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