जयपुर में पतंगबाजी में घायल हुए पक्षियों का, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा इलाज 15 जनवरी को भी

जयपुर 14 जनवरी// (अशोक लोढ़ा) जयपुर में मकर संक्रांति के इस शुभ अवसर पर पतंगबाज़ी खूब देखी जाती है। सुबह से ही लोग छतों और मैदानों पर इकट्ठे हो कर तिल-गुड़ के व्यंजन और मूंग की दाल के पकौड़ों का स्वाद लेते हुए पतंग उड़ाते हुए नज़र आने लगते हैं। बाज़ार पूरी तरह से बंद देखे गए और सड़कें सूनी पड़ी रहीं लेकिन छतों और मैदानों पर खूब रौनक रही।

इस बार वी टी रोड स्थित मैदान में 12 से14 जनवरी तक जयपुर काइट फैस्टिवल आयोजित किया गया है। तीन दिन के इस उत्सव में पूरे दिन लोगों को देखा जा सकता है पर आज विशेष उत्साह देखा गया। बड़े और बच्चे, पुरुष और महिलाएं सभी पतंग उड़ाते और डी जे पर थिरकते हुए देखे गए।

पतंगबाजी का ये त्योहार जहां खुशियां और उल्लास देता है वहीं दूसरी ओर मूक पक्षियों के लिए दुखद मौत का सबब बनता है। पतंग के मांझे में उलझकर बुरी तरह घायल पक्षी ज़मीन पर गिरकर, तड़प तड़प कर दम तोड़ देते हैं। हालांकि सरकार की ओर से सुबह 5 से 8 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक पक्षियों के हित को ध्यान में रखते हुए पतंगबाजी पर रोक लगाई गई है फिर भी दिन भर में हर साल भारी संख्या में पक्षियों के घायल की, मरने की सूचनाएं मिलती हैं।

कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा घायल पक्षी सहायता कैंप भी जगह जगह देखे गए जहां सुबह से ही घायल पक्षियों को लाकर उपचार शुरू कर दिया गया। गम्भीर रूप से घायल पक्षियों को दुर्गापुरा स्थित पक्षी चिकित्सालय में भेजा गया। सहयोग सेतु संस्था की अध्यक्षा शिवानी शर्मा ने हमें बताया कि जयपुर में घायल पक्षियों के इलाज हेतु महेश नगर, स्वेज फार्म, गूर्जर की थड़ी पर कैंप लगाया गया है । जो कल भी लगा रहेगा । सहयोग सेतु संस्था जयपुर, आप सभी जयपुर वासियों से अपील करती है कि कहीं भी कोई घायल पक्षी नजर आए तो उसको तुरंत कैंप पर लाने का श्रम करे ।

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