अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शुभंकर के रूप में छाया हुआ है राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मांेदी ने संयुक्त राष्ट्र के तेरहवें सम्मेलन का वीसी से किया उद्घाटन
दुनिया के 130 देशों के प्रतिनिधि और वन्य जीव विशेषज्ञ एवं उच्चाधिकारी जुटे हैं मंथन में

जैसलमेर, 17 फरवरी/राजस्थान का राज्य पक्षी और जैसलमेर की शान ‘गोडावण’ इन दिनों अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में है। गांधीनगर गुजरात में महात्मा मन्दिर में चल रहे संयुक्त राष्ट्र संघ के 8 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभंकर के रूप में गोडावण को प्रतिदर्शित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा संयुक्त राष्ट्र के युनाइटेड नेशन्स कांफ्रेंस आॅफ द पार्टिस टू द कन्वेंशन आॅन माइग्रेटरी स्पीशिज आॅफ वाइल्ड एनिमल्स (सीएमएस सीओपी 13) न्दपजमक छंजपवदे ब्वदमितमदबम व िजीम च्ंतजपमे जव जीम ब्वदअमदजपवद वद डपहतंजवतल ैचमबपमे व िॅपसक ।दपउंसे ;ब्डै ब्व्च्13द्ध के तेरहवें सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस सम्मेलन में विश्व के 130 देषों के प्रतिनिधि तथा वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रख्यात पर्यावरणविद् तथा एन.जी.ओ., विभिन्न राज्यों के वन अधिकारीगण आदि मुख्य रूप से भाग ले रहे हैं। इस सम्मेलन की थीम ‘‘माइग्रेटरी स्पीशिज कनेक्ट द प्लानेट एण्ड टूगेदर वी वेलकम देम होम’’ डपहतंजवतल ेचमबपमे बवददमबज जीम चसंदमज ंदक जवहमजीमत ूम ूमसबवउम जीमउ ीवउमश् है। गर्व और गौरव की बात यह है कि सम्मेलन का शुभंकर राजस्थान राज्य का राज्य पक्षी तथा जैसलमेर की शान ‘‘गोडावण‘‘ पक्षी ‘‘ जीआईबीआई’’ है।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में राजस्थान के वन मंत्री सुखराम विश्नोई के साथ ही जैसलमेर के उप वन संरक्षक (वन्य जीव) कपिल चन्द्रवाल एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक अरिन्दम तोमर भी हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अतिसंकटग्रस्त प्रजाति गोडावण के संरक्षण के क्षेत्र में वन विभाग तथा भारतीय वैज्ञानिकों की अहम् भूमिका की सराहना की और इनके द्वारा ‘‘इन्टरनेशनल फण्ड फोर हाउबरा कंजर्वेशन आबू धावी’’ प्दजमतदंजपवदंस थ्नदक वित भ्वनइंतं ब्वदेमतअंजपवद.।इन क्ींइप की तकनीकि सहायता से केप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम के अन्तर्गत गोडावण के 9 अण्डों से कृत्रिम हेचिंग द्वारा गोडावण के स्वस्थ चूजों के विकास पर अत्यधिक प्रसन्नता जाहिर की।
उल्लेखनीय है कि गोडावण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गोडावण संरक्षण प्रजनन एवं अनुसन्धान कार्यक्रम के तहत वन एवं पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं राजस्थान सरकार के मध्य वर्ष 2018 में त्रिपक्षीय संयुक्त समझौता( एम.ओ.ए.) किया गया है।
इसके अन्तर्गत अति संकटग्रस्त प्रजाति की श्रेणी में दर्ज इस पक्षी की संख्या में बढ़ोतरी के लिए कन्जरर्वेषन ब्रीडिंग प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है। इसके लिए जैसलमेर में स्थित रामदेवरा एन्क्लोजर में अण्डा एकत्रीकरण एवं कृत्रिम हेचिंग सेन्टर का निर्माण वन विभाग तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किया जा रहा है।
वर्तमान में अण्डा एकत्रीकरण करने के लिए सम क्षेत्र में अस्थाई रूप से कृत्रिम हेचिंग सेंटर स्थापित किया जाकर कुल 9 अण्डे हेचिंग सेंटर पर इनक्यूबेषन हेतु पहुंचाए गए हंै जिसमें सभी 9 अण्डों से चूजे सुरक्षित बाहर आ चुके हैं। इन चूजों को वैज्ञानिकों की देखरेख में पाला जा रहा है एवं इन्हें भोजन के लिए कीट इत्यादि सेन्टर पर ही एकत्रित एवं परिष्कृत किए जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त गोडावण पक्षी के विचरण क्षेत्र व ऋतु अनुसार क्षेत्र उपयोग की बहुत ही सीमित जानकारी उपलब्ध होने के कारण इस प्रोग्राम के अन्तर्गत इस वर्ष भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की सहायता से 2 गोडावण पक्षियों को जी.पी.एस. टेग लगाया गया है जिससे कि इस पक्षी के लोकल माइग्रेशन एवं क्षेत्र उपयोग के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो रही है।
वन विभाग की निरन्तर चैकसी व प्रजनन क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करने से इस वर्ष गोडावण के प्राकृतिक आवास में प्रजनन में भी भारी सफलता प्राप्त हुई है। सुदासरी एवं रामदेवरा क्षेत्र सहित इस प्रजनन काल में लगभग 8 चूजे मादा सहित प्राकृतिक आवास में देखे जा चुके हैं। s

chandan singh bhati
7597450029

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