नागौर जिले के दलितों को बर्बरता पूर्वक मारपीट कर पेचकस कांड की घटना को अंजाम देने जैसी जघन्य व अमानवीय शर्मसार कर देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर बाड़मेर जिला कलेक्टर व एसपी को sc-st एकता मंच ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा एससी एसटी एकता मंच के संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने बताया कि एकता मंच के अध्यक्ष उदाराम मेघवाल महामंत्री भूराराम भील उपाध्यक्ष श्रवण कुमार चंदेल के साथ कई दलित आदिवासियों के प्रतिनिधि मंडल ने मिलकर बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर नागौर जिले के दलित विशाराम पन्ना राम नायक को सामंती तत्वों द्वारा बर्बरता पूर्वक मारपीट करने वह पीट-पीटकर अधमारा करने के बाद लोहे के पेचकस पर कपड़ा लपेटकर उसको पेट्रोल से भीगो कर और दलित युवक के गुप्तांगों में घुसा कर जैसे आसहनीय यातना दी है इसकी कठोर और घोर शब्दों में निंदा की जाती है जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में एकता मंच ने लिखा है कि राजस्थान के अंदर गहलोत सरकार के राज में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और अत्याचारों का हौसला इसलिए बढ़ रहा है कि पुलिस कार्रवाई तत्परता से नहीं होती है इस कारण से अपराधियों का हौसला बढ़ा हुआ है और अपराधी घटना को अंजाम देकर दलितों को भयभीत और प्रताड़ित करते हैं ऐसी अनेक घटनाएं राजस्थान में पिछले 1 वर्ष में की गई हैं पूरे मामले में लीपापोती करने के लिए स्थानीय थाना अधिकारी ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है ताकि ऐसे थानेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि गहलोत सरकार का इससे पूर्व में भी अलवर के थानागाजी केस में ही रवैया यही रहा और मुकदमा दर्ज नहीं किया एसपी को जानकारी होने के बाद और फिर थानागाजी मामले में सामूहिक बलात्कार के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ फिर जनता के दबाव में कार्रवाई की गई और नागौर के मामले में भी 16 फरवरी को घटित घटना के मामले में पुलिस अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की लेकिन कार्रवाई अभी तक पूरी नहीं हुई अभी भी सर्विस सेंटर के अंदर दलितों को यातनाएं दी गई उस सर्विस सेंटर को सीज नहीं किया गया अभी भी पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया गया अभी भी थाना अधिकारी के खिलाफ में कार्रवाई नहीं की गई ऐसे कई सवाल जो है गहलोत सरकार की नाकामी को प्रकट करते हैं इसी तरह एसपी शरद चौधरी को एकता मंच के नेताओं ने बाड़मेर के सरहदी पुलिस थाना सेड़वा के गांव बुरहान का तला के निवासी शंकरा राम भील की जमीन को नूर मोहम्मद द्वारा फर्जी व नाजायज तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बेचान कर रहा है रुपया ऐंठ रहा है और उसकी जमीन पर उसकी बिना अनुमति के निर्माण कार्य कर भूमि हड़पने की कोशिश कर रहा है इस मामले को लेकर नेताओं ने बताया कि 24 जनवरी 2020 को पुलिस थाना सेड़वा में मुकदमा दर्ज हुआ जिसकी जांच पुलिस उप अधीक्षक चौहटन द्वारा की जा रही है मगर अपराधी राजनीतिक पहुंच व प्रभावशाली होने के कारण पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिम्मत नहीं जुटा रही इस कारण अपराधियों का हौसला बुलंद हो गया है इसलिए शंकर राम भील को मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है और जब शंकरा राम ने मुकदमा वापस लेने से मना किया तो शंकरा राम को गांव में किसी भी दुकान से सामान लेने की पाबंदी लगा दी शंकरा राम के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी शंकरा राम का गांव से सार्वजनिक बहिष्कार करवा दिया और रात के अंधेरे में 40 व 50 आदमियों के गुटों द्वारा शंकरा राम के परिवार के चारों तरफ घेरा डालकर उसको डराने और धमकाने और जान से मारने की धमकी दी जा रही है ऐसे में शंकरा राम का पूरा परिवार कलेक्टर बाड़मेर एसपी के समक्ष पेश हुआ उन्होंने अपनी पूरी पूरी वेदना बाड़मेर के जिला कलेक्टर बाड़मेर के एस पी शरद चौधरी को बताई और एकता मंच के नेताओं ने चौहटन क्षेत्र के अंदर इससे पूर्व कई मामलो में प्रशासन को सूचित किया गया लेकिन कार्रवाई सक्षम नहीं होने की वजह से कई लोगों के हाथ पैर तोड़े गए कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी ऐसे में यदि शंकरा राम भील आदिवासी के परिवार पर किसी प्रकार का संकट आता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी अगर सरकार ने पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए तो उनके खिलाफ में सख्त से सख्त आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन व राज्य सरकार की हो गई और दोषी अधिकारियों के खिलाफ में जन आंदोलन किया जाएगा एकता मंच के नेताओं ने बताया कि बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक चौधरी ने आश्वस्त किया कि राम और उसके परिवार की जान माल की हिफाजत सरकार व जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ में करेगी वह इसको लेकर सेडवा पुलिस थाना अधिकारी व चौहटन के पुलिस अधीक्षक को निर्देश भी जारी किए गए हैं और इस मामले में एसपी साहब ने भरोसा भी दिया है