‘सूचनाप्रेन्योर’ ने जीता वर्ल्ड बैंक ग्रुप तथा सीईएस का ‘ग्लोबल टेक चैलेंजेज सॉल्यूशंस फॉर वुमन 2020’

डीईएफ तथा आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया सॉल्यूशन है ‘सूचनाप्रेन्योर’

जयपुर, 16 जनवरी, 2021. वर्ल्ड बैंक ग्रुप तथा सीईएस की ओर से ‘ग्लोबल टेक चैलेंजेज सॉल्यूशंस फॉर वुमन 2020’ के विजेताओं की घोषणा की गई। इन विजेताओं में न्यू डिजीटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन (डीईएफ) द्वारा तैयार किया गया भारत का सॉल्यूशन मॉडल— ‘सूचनाप्रेन्योर’ भी शामिल है। ब्रिज फॉर बिलियंस और माइक्रोमेंटर इस ग्लोबल टेक चैलेंज के अन्य दो विजेता हैं।

डिजीटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन और जयपुर की आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने ग्रामीण भारत में डिजीटल लैंगिक विभाजन के समाधान हेतु ग्लोबल टेक चैलेंज 2020 में साथ मिलकर यह मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल द्वारा यह चैलेंज जीतना इन संयुक्त प्रयासों व पहलों की मान्यता का प्रमाण है, जिनसे लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। डीईएफ व आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर दोनों डिजीटल पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि भारत व विदेश में मौजूद व्यापक डिजीटल अंतराल की भरपाई की जा सके।

इस जीत पर इनकी संयुक्त टीम को बधाई देते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने कहा कि ‘डीईएफ महिलाओं सहित सभी महत्वपूर्ण हितधारकों को साथ लेकर सामाजिक व डिजीटल पहलों व नवाचारों के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक चुनौतियों के समाधान करने तथा लैंगिक डिजीटल विभाजन व अन्य पहुंच संबंधी अ्रतरालों की भरपाई हेतु कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी को डीईएफ के साथ मिलकर तथा सामाजिक एवं विकास केंद्रित पहलों पर कार्य करके काफी गर्व है। ‘उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में दोनों संगठन सामाजिक विकास के लिए सार्थक नवाचारों का प्रसार करने की दिशा में कार्य करेंगे।

इस चैलेंज के विजेताओं की घोषणा करते हुए वर्ल्ड बैंक के डिजीटल डेवलपमेंट के निदेशक बोथिना गुर्माजी ने कहा कि ‘इस चैलेंज के विजेता ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए संपर्क और सूचनाओं की पहुंच बढ़ने से लेकर अलग महिला उद्यमियों को मार्गदर्शन प्रदान करने तक डिजिटल लैंगिक विभाजन के समाधान हेतु कई मोर्चों पर कार्य कर रहे हैं। वर्ल्ड बैंक ग्रुप को चयनित निवेशकों के साथ कार्य करके काफी खुशी है, ताकि दुनियाभर की महिलाएं व बालिकाएं डिजिटल बदलाव द्वारा प्रस्तुत किए गए अवसरों को पूरी तरह से अपना सकें।’

सूचनाप्रेन्योर समाधान अपने डिजिटल आधारित ग्रामीण व सामुदायिक उद्धमिता अभियान के लिए पहचाना जाता है, जो ग्रामीण भारतीयों को सूचनाओं, उनके अधिकारों, सरकारी अधिकारों और अन्य आवश्यक डिजिटल सेवाओं से जोड़ता है। सूचनाप्रेन्योर द्वारा अपनी शुरूआत से अब तक करीब 25,000 ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और भारत में पांच मिलियन से अधिक ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की योजना है।

डिजीटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन (डीईएफ) के संस्थापक ओसामा मंजर ने कहा कि ‘हम इस विचार के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं कि महिलाओं को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ने से उन्हें बड़े पैमाने पर सामाजिक विकास का लाभ मिलेगा। इसलिए, सूचनाप्रेन्योर कार्यक्रम पर कार्य करने वाले हम सभी लोगों के लिए अपने नवाचार को बढ़ाने तथा इनकी और अधिक पहुंचने की संभावना हम सभी के लिए रोमांचकारी है और हम वर्ल्ड बैंक समूह की टीमों के साथ मिलकर इन पहलों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भी तैयार हैं।’

सूचनाप्रेन्योर समाधान महिलाओं के व्यापक डिजिटल व इंटरनेट की पहुंच के अंतराल का समाधान करने और विशेष रूप से कोविड-19 जैसी महामारी जैसे संकट के दौरान डिजिटल तकनीकों के अवसरों को उत्पन्न करने के अपने अनूठे प्रयासों के लिए पहचाना जाता है, जब कनेक्टिविटी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। इस चैलेंज के विजेताओं व अन्य प्रतिभागियों का मूल्यांकन माइक्रोसॉफ्ट 4 अफ्रीका इनिशिएटिव्ज, जीएसएमए, सॉफ्टबैंक, इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन, आईबीएम तथा द फीमेल कोशंट जैसे संस्थानों के प्रमुख विशेषज्ञों के पैनल द्वारा किया गया है और दुनिया भर से प्राप्त एक हजार से अधिक आवेदनों में से उपरोक्त तीन विजेताओं का चयन किया गया है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर एवं सेंटर फॉर इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप की चेयर तथा डीईएफ-आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी संयुक्त टीम की सदस्य डॉ. शीनू जैन ने कहा कि ‘हम इस चैलेंज के विजेता बनकर काफी रोमांचित हैं और हमें विश्वास है कि हमारी सफलता की कहानी को दुनिया के सभी हिस्सों में प्रचारित किया जा सकता है और दोहराया जा सकता है।’

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रोफेसर व डीन, ट्रेनिंग तथा डीईएफ-आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी संयुक्त टीम के सदस्य डॉ. शिव त्रिपाठी ने कहा कि ‘यह हमारे लिए बहुत ही अच्छी खबर है। यह सिर्फ जीत ही नहीं है, बल्कि हमारे सामाजिक नवाचार को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने का अवसर भी है। हम हमारे समाधान के बड़े प्रभाव के लिए हमारे समान विचारधारा वाले इनोवेटर्स के साथ जुड़कर काफी उत्साहित हैं। हमें इस बात की भी खुशी है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के हमारे नवीन तकनीकी समाधानों को मान्यता मिली है। हमें वर्ल्ड बैंक लीडर्स से मार्गदर्शन मिला है और हम अधिक से अधिक अच्छे के लिए योगदान देकर अत्यधिक रोमांचित हैं। हम #SheIsConnected और #WeAreConnected महसूस कर रहे हैं।’

ग्लोबल टेक चैलेंज को विकासशील देशों के लिए धन एवं ज्ञान के सबसे बड़े स्रोतों में से एक- वर्ल्ड बैंक ग्रुप द्वारा लॉन्च किया गया है। इसके द्वारा डिजिटल लैंगिक अंतराल को खत्म करने के लिए दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली तकनीकी आयोजन – सीईएस के साथ भागीदारी की गई है। यह वर्ल्ड बैंक के डिजिटल डेवलपमेंट प्रेक्टिस द्वारा समर्थित है, जिसका उद्देश्य सभी के लिए कनेक्टिविटी स्थापित करना है। इस चैलेंज द्वारा महिलाओं के लिए डिजिटल पहुंच, कौशल और अवसरों को बढ़ाने वाले स्केलेबल एवं अनूठे तकनीकी समाधानों को पुरस्कृत किया जाता है। इस टेक चैलेंज के माध्यम से वर्ल्ड बैंक समूह तथा सीईएस प्रत्येक वर्ष उन स्केलेबल व अनूठे तकनीकी समाधानों को पुरस्कृत करते हैं, जो चार क्षेत्रों (प्लेटफार्म, डिजिटल स्किल, ऑनलाइन कंटेंट एवं डिजीटल पहुंच बढ़ाने) में महिलाओं को सशक्त बनाते हैं।

सूचनाप्रेन्योर पहल को क्वालकॉम के ‘वायरलेस रीच प्रोग्राम’ के अंतर्गत शुरूआती अनुदानिक समर्थन के साथ डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2016 में संस्थापित किया गया था। तभी से यह विविध कार्यक्षेत्रों, चुनौतियों और अवसरों को तलाशने वाला समाधान बन गया है और यह सूचना की पहुंच व डिजीटल संसाधनों के जरिए अभी तक अछूते रहने वाले क्षेत्रों व समुदायों तक पहुंचने में भी सक्षम बना है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर एक प्रमुख पोस्ट ग्रेजुएट, एजुकेशन व रिसर्च यूनिवर्सिटी है, जबकि डिजीटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन (डीईएफ) संपूर्ण भारत में कार्य करने वाली आईसीटी विकास एजेंसी है। डीईएफ भारत में महत्वपूर्ण विकास आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए डिजिटल इनोवेशंस व समाधानों की दिशा में कार्यरत है।

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