युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ बिछड़ों को मिलाने के लिए कर रहे है दिन रात मेहनत।
केंद्र व राज्य सरकार की सरकारी एजेंसियों के आपसी सही तालमेल नहीं होने का दर्द झेल रहे, पाकिस्तान से भारत वीजा पर आए लोग। भारत सरकार ने ऐसे 900 से अधिक पाकिस्तान के नागरिकों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है, जिन्होंने स्थानीय राज्य सरकार के अधीन विदेशी नागरिक पंजीकरण अधिकारी के कार्यालय में वीजा समय वृद्धि करवाई थी।
युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने बताया की तत्कालीन यूपीए सरकार ने विशेष तौर पर विवाह हेतु आने वाले हिंदू परिवारों की वीजा अवधि को 6 महीने बढ़ाने का प्रावधान किया था इस अवधि को बढ़ाने के लिए स्थानीय राज्य सरकार के अधीन विदेशी नागरिक पंजीकरण अधिकारी के कार्यालय को सक्षम माना गया परंतु वहां से बढ़ी वीजा अवधि को केंद्र की सरकारी एजेंसियों में तालमेल ना होने के कारण उन सभी बढ़ी हुई अवधि पर रहकर जा चुके सभी पाकिस्तानी नागरिकों के पास पासपोर्ट को सदैव के लिए ब्लेक लिस्टेड कर लिया व उनकी आवागमन को जीवन पर्यंत बंद कर दिया गया है। इससे कई पति-पत्नी, पिता-पुत्र और भाई – बहिन पिछले कुछ सालों से एक दूसरे से नहीं मिल पा रहे हैं वह किसी तरह की संभावना नहीं होने के कारण हताश और निराश है। क्योंकि उनकी तरफ से ना तो वीजा नियमों की अवहेलना नहीं की गई ना ही कोई सुरक्षा की दृष्टि से संबंधित कोई कारण बताया गया है।
राठौड़ ने बताया की केंद्र व राज्य सरकार के मध्य तालमेल की कमी के कारण ऐसा हुआ है इसलिए इसे तुरंत प्रभाव से सही किया जाए और उन लोगों को आने जाने की छूट दी जाने की मांग को लेकर बाड़मेर – जैसलमेर में रहने वाले इन परिवारों के रिश्तेदारों द्वारा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार को 900 पोस्ट कार्ड लिखे जा रहे है।
कल इस मुहिम की शुरुआत कर 100 पोस्ट कार्ड विदेश मंत्रालय, भारत सरकार को भेजकर जल्द से जल्द इस निलम्बन को हटाने की मांग की जायेगी। जब किसी प्रकार की गलती इन लोगों के द्वारा नहीं की गई है तो फिर इनको ऐसी मुश्किल में क्यों डाला जा रहा है। इन परिवारों की मांग है कि जल्द से जल्द इसको सही कर हमारे परिजनों को भारत आने दिया जाए।
राठौड़ इन 900 परिवारों के दर्द को समझते हुए पिछले काफी समय से भारत सरकार तक इनकी आवाज को पहुंचाने की कोशीश कर रहे है, कुछ समय पहले जिला कलेक्टर बाड़मेर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर केन्द्र सरकार को पाक विस्थापितों की समस्याओं को सुलझाने के लिए निर्देशित का लिखा था।
आजाद सिंह ने कहा कि थार एक्सप्रेस का संचालन 2006 से 2018 तक रहा तब तक करीब कई लाख लोगों ने भारत की यात्रा की और यात्रा में आए कई लोगों ने यहां वीजा से अधिक अवधि तक ठहराव किया और इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर अनुमति भी ले ली लेकिन यह जानकारी केन्द्र तक पहुंची तो केन्द्र सरकार ने ऐसे 900 से अधिक लोगों को अधिक ठहराव की वजह से ब्लैक लिस्टेड कर दिया। जिसमें इन लोगों की किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं है, मेरी केन्द्र सरकार से मांग है कि इनके दर्द को समझते हुए ब्लैक लिस्टेड किये गये सभी पासपोर्ट पर बेन हटाकर इन सभी परिवारों के रिश्तेदारों को वीजा प्रदान की जाए।
– देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )
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