पुस्तक प्रदर्शनी में दुर्लभ पुस्तकें बनीं आकर्षण

निफ्ट जोधपुर में हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन

जोधपुर। पुस्तकें व्यक्ति को नई चेतना ज्ञान से रूबरू करवाती हैं, पुस्तक व्यक्ति की सच्ची मित्र ही नहीं बल्कि उसके जीवन निर्माण करने की कुंजी भी है। इसलिए डिजिटल के युग में पुस्तकों से दूरी नहीं बनानी चाहिए। यह कहना था राष्टीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर जीएचएस प्रसाद का, वे मंगलवार को निफ्ट में आयोजित हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
प्रसाद ने कहा कि पुस्तकें हमें मंजिल तक पहुंचने में मदद करती हैं। अनेक लोगों की तरह किताबों ने मुझे भी रास्ता दिखाया है। पुस्तकें परंपरा, संस्कृति से हमें जोड़ती हैं। कंप्यूटर या स्क्रीन से पढ़ने पर हमारा मस्तिष्क जागृत नहीं हो पाता, जबकि किताबें मस्तिष्क को जागरूक करती हैं। रिसोर्स सेंटर इंचार्ज डॉ अंकिता श्रीवास्तव ने कहा कि पुस्तकें हमें सटीक और प्रामाणिक ज्ञान देती हैं। पुस्तकों से मनुष्य के भीतर जो आत्मीयता और श्रद्धा पैदा होती है, वह डिजिटल उपकरणों से संभव नहीं है। इस दौरान पुस्तकालय सहायक मुकेश शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी में दुर्लभ पुस्तकें आकर्षण का केंद्र रहीं है।

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