जयपुर । राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी सहित 50 देशों के रक्षा मंत्रियों और रक्षा विशेषज्ञों की मौजूदगी में 22 फरवरी को पश्चिमी सीमा पर होने वाले वायुसेना के युद्धाभ्यास ‘आयरन फीस्ट’ से तीन दिन पहले जैसलमेर के चांधन क्षेत्र में सुखोई-30 दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
अंतिम पूर्वाभ्यास के दौरान मंगलवार यह हादसा हुआ, विमान नाइट प्लाइंग मिशन पर था। शाम साढ़े सात बजे उड़ान भर रहे सुखोई में करीब आधा घंटे बाद आग लग गई। सेना और प्रशासन को भी देर रात सूचना मिली। विमान जैसलमेर जिले गैर आबाद मालीगड़ा गांव के पास अचलसिंह की ढाणी से 3 किलोमीटर दूर गिरा। विमान के दो में से एक पायलट को चोट लगी है।
विमान को चांधना फायरिंग रेंज में काल्पनिक ठिकाने पर हिट करना था, लेकिन उससे पहले ही उसमें आग लग गई और बम विमान से रिलीज नहीं हो सका। आयरन फीस्ट में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री सहित करीब 50 देशों के रक्षा मंत्री और रक्षा प्रमुख आने वाले हैं।
इस युद्धाभ्यास में एक सौ लड़ाकू विमान, मानव रहित विमान, सतह से हवा में मार करने वाली लक्ष्यभेदी मिसाइलें छोड़ी जाएगी। क्षेत्र में एक सप्ताह में दूसरा विमान हादसा है। 12 फरवरी को बाड़मेर में मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
सेना के प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि सुखोई-30 मंगलवार शाम पोकरण रेंज में क्रैश हो गया। विमान नाइट फ्लाइंट ट्रेनिंग मिशन पर था। दुर्घटना में कोई जान-माल की हानि नहीं हुई है।
घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि सुखोई का यह चौथा हादसा है, इससे पहले जैसलमेर में दो और एक पुणे में विमान गिर चुके है।