वरदान साबित हो रहे हैं आईवीएफ केंद्र

उदयपुर। ऐसे में जब यहां सितम्बर से शुरू होने वाले पर्यटन सत्र को लेकर पूरा शहर गहमागहमी के दौर से गुजर रहा है, राजन वधवा और उनकी पत्नी पारुल की उम्मीदों को जैसे पंख लग गए हैं। ऐसा हो भी क्योंकि नहीं, क्योंकि पूरब का वेनिस कहे जाने वाले उदयपुर में इन्हें न सिर्फ दिलकश नजारे देखने को मिलेंगे, बल्कि संतान प्राप्ति की उनकी चाहत भी पूरी हो सकती है।

राजन एवं पारुल जैसे सैकड़ों लोग हैं जो उदयपुर भ्रमण की अपनी योजना में शहर के किसी उम्दा आईवीएफ केंद्र में संतानहीनता के इलाज का कार्यक्रम भी शामिल करते हैं। उदयपुर बड़ी तेजी से टेस्ट-ट्यूब प्रक्रिया से संतानहीनता मिटाने के प्रमुख केंद्र के तौर पर इसलिए उभर रहा है, क्योंकि जहां एक ओर यहां के आईवीएफ केंद्रों की सफलता दर जहां काफी ऊंची है, वहीं अन्य शहरों की तुलना में इसका खर्च भी काफी कम है।

नई दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके के रहने वाले राजन वधवा ने कहा, ‘मैंने उदयपुर यात्रा के कार्यक्रम में वहां के किसी मेडिकल सेंटर में आईवीएफ इलाज का कार्यक्रम अपने एक चचेरे भाई की सलाह पर शामिल किया। मेरा यह संबंधी संतानहीन था, पर उदयपुर में इलाज के बाद आज वह पिता है।’

राजन और पारुल उदयपुर यात्रा के दौरान वहां के एक मेडिकल सेंटर में टेस्ट-ट्यूब बेबी से जु़ड़े एक सत्र में भाग लेंगे। पति-पत्नी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में आकर्षक नौकरी करते हैं और शादी के कई साल बाद भी वे संतान की चाहत पूरी नहीं कर पाए हैं।

उदयपुर में जहां आईवीएफ प्रक्रिया का खर्च बमुश्किल 40,000 से 50,000 रुपये है, वहीं दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों में 80,000 रुपये से 100,000 रुपये तक। इस दंपति के डाक्टर एवं उदयपुर के इंदिरा इनफर्लिटी क्लीनिक एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के प्रमुख अजय मुर्डिया कहते हैं, ‘हमारे सेंटर में तमिलनाडु, गोवा, झारखंड और मुंबई से भी लोग टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए आते हैं।’ उनका कहना है कि यूं तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में करीब 50 ऐसे मेडिकल सेंटर हैं जहां आईवीएफ प्रक्रिया से बच्चा पैदा करने की सुविधा है, पर उदयपुर के मेडिकल केंद्रों की सफलता दर काफी ऊंची और इनके कम खर्चीला होने के कारण यहां भीड़ ज्यादा जुटती है।

मुर्डिया का दावा है कि आईवीएफ और दूसरी प्रक्रियाओं के प्रथम प्रयास में उनके केंद्र की सफलता दर 95 प्रतिशत तक रही है। इस केंद्र में हर साल करीब 600 संतानहीन मरीजों का इलाज होता है। अधिक से अधिक मरीजों को आकर्षित करने के लिए शहर के एक और आईवीएफ विशेषज्ञ क्षितिज कुमार ने पिछले महीने दिल्ली में संतानहीन दंपतियों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की जिसमें अच्छी भीड़ जुटी। क्षितिज कहते हैं, ‘लोग काफी उत्साहित दिखे। कई ने जानना चाहा कि इस प्रक्रिया में कितना वक्त लगता है?’

उदयपुर में ऐसे चार मेडिकल सेंटर हैं, जहां टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए आईवीएफ सुविधा उपलब्ध है। उदयपुर से प्रेरित होकर ही जयपुर एवं जोधपुर में भी ऐसे केंद्र खुलने लगे हैं। एक एनेस्थिस्ट उपवन पांडया कहते हैं, ‘यहां के मेडिकल केंद्रों की शोहरत इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि उनकी सफलता दर अधिक है। उनके पास सभी अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं।’

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