कांग्रेस नें रचा भाजपा की साख बिगाड़ने का षडयंत्रः किरण

Kiran Maheshwari Patrkarvarta  Kotaकोटा। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने जांच ब्युरों के पूरक आरोप पत्र को भाजपा की साख बिगाड़ने और भाजपा नेताओं को बदनाम करने का घृणित षडयंत्र बताया है। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह के उपर तगाए आरोपों का कोई आधार नहीं था। इसी तरह राजस्थान के प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया के विरुद्ध भी कपोल कल्पित कहानी गढ़ कर आरोप लगाऐ गऐ हैं। वोटों की गंदी राजनीति के लिए यह कांग्रेस के दमन चक्र का एक भाग मात्र है। राज्य के पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ को भी बिना किसी साक्ष्य के जांच ब्युरों नें बंदी बनाया था। न्यायालय नें उनके विरुद्ध आरोपों में कोइ सार नहीं पाया। वे कोटा में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रही थी।
लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं प्रतिशोध की राजनीति
किरण नें कहा कि कांग्रेस विरोधियों के चरित्र हनन और प्रतिशोध की राजनीति करती रही है। आपातकाल इसी राजनीति का परिणाम था। विरोधियों को आधारहीन और झुंठो प्रकरणों में उलझा कर राजनीतिक लाभ प्राप्त करना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ कांग्रेस के राजनीतिक षडयंत्रों और जांच ब्युरो के दुरुपयोग का एक प्रथमवर्गीय प्रकरण है।
जांच ब्युरों नें क्यों बदली षडयंत्र की कहानी
किरण नें कहा कि पूर्व में जांच ब्युरो में कहा कि सोहराबुद्दीन मुठभेड़ का षडयंत्र गुजरात के निर्माण उद्यमियों नें रचा था। और उसी आधार पर अमित शाह पर आरोप लगाए गए थे। इस कहानी की हवा निकल गई जब पता चला कि जिस उद्यमी द्वारा हत्या के लिए जिस दिन धन देना बताया गया, उस दिन वों विदेश में था। अब जांच ब्युरो कह रहा है कि यह षडयंत्र राजस्थान के संगमरमर उद्यमियों नें रचा है। षडयंत्र की यह कहानी किसके दबाव में और क्यों बदली गई?
भाजपा की लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए
किरण नें कहा कि भाजपा लोकतंत्र पर किए जा रहे ऐसे घिनौने प्रहारों का मुंहतोड़ जवाब देगी। कानून और जनता की अदालत दोनो जगह वो इसे सशक्त रीति से उठाएगी। पूरी पार्टी इस विषय पर एकमत है। 18 मई को भाजपा राजस्थान बंद का आव्हान कर जनता से इस लड़ाई में पूरा सहयोग देने का आग्रह कर रही है। यह भाजपा पर नहीं लोकतंत्र पर प्रहार है।
बंसल को निर्दाेष होने का प्रमाणपत्र और भाजपा नेताओं पर झुंठे आरोप
किरण नें कहा कि यह एक विडम्बना ही है कि जांच ब्युरों के निदेशक नें जांच पूरी हुए बिना ही पूर्व रेल मंत्री बंसल को निर्दाेष होने का विवादास्पद बयान दिया है। और उसी दिन राजस्थान के भाजपा नेता कटारिया और एक उद्यमी के विरुद्ध आधारहीन कहानी पर झूंठे आरोप लगाए। निदेशक नें स्वयं माना है कि जांच ब्युरों स्वतंत्र नहीं है। कोलगेट, रेलगेट और खेलगेट महाघोटालों में जांच ब्युरों कांग्रेस पार्टी के अंग की तरह से काम कर रहा है।
जांच ब्युरो के भय से जुटाया समर्थन
किरण ने कहा कि काग्रेंस सरकार ने जांच ब्युरों का भय दिखा कर ही मुलायम सिंह, मायावती एवं करूणानिधि का समर्थन प्राप्त किया है। जांच ब्युरों की सारी कार्यवाहियॉं प्रतिपक्ष के नेताओं पर ही केन्द्रीत है। जगन रेड्डी, मायावती, मुलायम सिंह इसके उदाहरण है। काग्रेंस ने पूर्व रेलमंत्री पवन बंसल, पूर्व विधि मंत्री अश्विनी कुमार, विधि मंत्री कपिल सिब्बल के विरूद्ध ठोस साक्ष्यों के उपरान्त भी कोई कार्यवाही नहीं की है। राबर्ट वडेरा के भ्रष्टाचार पर दो दिन विधान सभा स्थगित रही, पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
पत्रकार वार्ता में पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल, विधायक भवानी सिंह, कोटा शहर अध्यक्ष श्याम शर्मा, कोटा देहात अध्यक्ष प्रहलाद पंवार, झालावाड़ अध्यक्ष नरेन्द्र नागर, बांरा अध्यक्ष आनन्द शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन श्रृंगी, विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।

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