22 तक न करें ये 5 काम

panchakहिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले शुभ-अशुभ मुहूर्त के बारे में विचार किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार कुछ नक्षत्र स्वयंसिद्ध होते हैं यानी इन नक्षत्रों में शुभ कार्य करना बहुत ही अच्छा रहता है, वहीं कुछ नक्षत्रों में कोई कार्य विशेष वर्जित माने गए हैं। धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती भी इन्हीं नक्षत्रों में से एक हैं। इन 5 नक्षत्रों के समूह को पंचक कहा जाता है।

इस बार पंचक का प्रारंभ 18 फरवरी, बुधवार को रात 08.29 से होगा, जो 22 फरवरी, रविवार को रात 01.22 तक रहेगा। भारतीय ज्योतिष में पंचक को अशुभ समय माना गया है। इसलिए इस दौरान कुछ कार्य विशेष करने की मनाही है। जानिए पंचक के दौरान कौन से 5 काम नहीं करने चाहिए-

1- पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नही करना चाहिए, इससे अग्नि का भय रहता है।

2- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।

3- पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए, ऐसा विद्वानों का मत है। इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है।

4- पंचक में चारपाई बनवाना भी अशुभ माना जाता है। विद्वानों के अनुसार ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

5- पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए, तो पंचक दोष समाप्त हो जाता है। ऐसा गरुड़ पुराण में लिखा है।

error: Content is protected !!