जानिये नवीन वर्ष 2018 में जीवन में खुशियाँ लाने का राज Part 4

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
आध्यात्मिक इन्सान बने | निरंतर मेडीटेसन का अभ्यास करें | मूखों से वादविवाद और तर्क-वितर्क करने से बचे | शक करने की आदत को छोड़े, हकीम लुकमान के पास भी शक | इलाज नहीं हैमधुर वाणी बोलें, कटु शब्दों का प्रयोग कभी नहीं करें |

जब आप क्रोधित हो तो अपने आप से कहे की ऐसा करने से मै अपने आप से ही लड़ाई कर रहा हू है और खुद अपना ही नुकसान कर रहा हूँ क्योकि क्रोध एक माचिस की तिली के समान है जो दूसरों को जलाने के पहिले खुद ही जलती है |

अपने आत्मसम्मान से कोई समझोता नहीं करें किन्तु आत्मअभिमानी नहीं बनें | स्वाभिमान के साथ जीये| अपने निकटम परिचीतों एवं स्वजनों की भावनाओं,आवश्यकताओं का ध्यान रक्खें,उनकी अनदेखी नहीं करें |डर के साये में नहीं जीये, डर आदमी की प्रगति और उन्नति में सबसे बड़ी बाधा है |

बुरा नहीं बोलें,बुरा नहीं कहें,बुरा नहीं सुने और बुरा नहीं देखें | दूसरों के कार्यों की आलोचना करने की जगह उनके अच्छे कामों की प्रशंसा करें |जो जैसा है उसे उसी रूप में स्वीकार करें |

दूसरों के विचारों का भी सम्मान करें, उन्हें आदर दें | कोई भी काम को अंजाम देने से पूर्व यह निच्चय कर ले कि आपके काम से किसी का अहित तो नहीं होगा |

हर एक व्यक्ति का अभिवादन मुस्करा कर करें | खुद हसें और दूसरों को भी हंसाये | अपने चेहरे को सोम्य बनाये रक्खें | खुद जियें और अन्य को भी सुखमय जीवन जीने दें | अपनी असफलताओं के लिये दूसरों को दोष नहीं दें | याद रखे,किताबे पढना एवं अध्यन करना हम सभी के लिए सबसे अच्छा ओर सबसे सस्ता मनोरंजन है |

Dr J.K Garg , Visit our blog—gargjugalvinod.blogspot.in

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