Good Friday History
ईसाई धर्म की मान्यताओं के मुताबिक गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु मसीह के सूली पर चड़ने और दफन होने की दुखद घटना घटित हुई थी | कहा जाता है कि प्रभु यीशु ने बहुत कठिन उपवास किये, त्याग व आत्म बलिदान किया | आज लोग उसी का अनुसरण करते हुए उनके इस बलिदान को याद करते है , और उनके लिये उपवास रखते है |
यीशु को मानवता की खातिर क्रूस पर चढ़ाया गया था | गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के इस बलिदान को ध्यान मे रख कर उन्हें याद किया जाता है | ईसाई धर्म को माननेवाले काले कपडे पहन कर चर्च जाते है, इस दिन कैंडल नही जलाई जाती है | सभी अपने-अपने हिसाब से प्रभु ईशु मसीह को याद करते है | कोई बीजारोपण करता है, कोई प्राथनाएं करता है , कोई प्रभु ईशु मसीह की किताब पढता है | इसके अलावा भी लोग कुछ ना कुछ करके गुड फ्राईडे के दिन प्रभु ईशु मसीह को समर्पित करते है |
गुड फ्राइडे एक तरह का शोक का दिन है, यह तीसरे पहर मे चर्च मे मनाया जाता है क्योंकि, कहा जाता यीशु के प्राण, तीन बजे के आस-पास निकले थे | यह तीन घंटे तक मनाया जाता है, इसमें प्रभु ईशु मसीह के लिए प्राथनाएं करके उन्हें याद किया जाता है |
संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—–डा.जे. के.गर्ग
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