हरतालिका तीज आज है या कल?

क्या कहता है पंचांग?
================
हरतालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए रखती हैं। हरतालिका व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत की तारीख को लेकर इस बार काफी मतभेद है। कुछ पंचांग और ज्योतिष पंडितो के अनुसार हरतालिका तीज 1 सितंबर को तो कुछ 2 सितंबर को बताई जा रही है। तीज को लेकर ज्योतिषियों में अलग-अलग विचार है। आइए जानते हैं हरतालिका 1 को मनाई जाए या 2 सितंबर को।

– इस बार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया और चतुर्थी एक ही तारीख पर पड़ रही है। 2 सितंबर को सूर्य उदय काल तक तीज की तिथि रहेगी। पंचांग गणना के अनुसार तृतीया तिथि 1 सितंबर रविवार को सुबह प्रात: 8 बजकर 26 मिनट से रात्रि 4 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। 2 सितंबर को उदया तिथि चतुर्थी होगी। उसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी।

– तीज और चतुर्थी का विशेष महत्व है, क्योंकि तीज पार्वती की तिथि है और चतुर्थी गणेशजी की। इसलिए 2 सितंबर को चतुर्थी के साथ तीज का व्रत रखा जाएगा।

– वहीं एक दूसरी मान्यता के अनुसार तृतीया तिथि 2 सितंबर को सुबह 4.56 तक रहेगी। इस दृष्टि से हरतालिका तीज रविवार 1 सितंबर को मान्य रहेगी। चूंकि उदय काल में 2 सितंबर को चतुर्थी रहेगी।

– एक अन्य मान्यता के अनुसार 2 सितंबर सोमवार को ही उदया तिथि होने से तृतीया मानी जाएगी। साथ ही द्वितीया तिथि के साथ तृतीया तिथि होने पर कोई व्रत का फल पूर्ण नहीं होता है। वहीं तृतीया व चतुर्थी तिथि की युक्ति में व्रत को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

– इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हरतालिका तीज प्रदोषकाल में किया जाता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है। यह दिन और रात के मिलन का समय होता है। हरतालिका पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं। पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।

error: Content is protected !!