ऐसे थे हमारे लोह पुरुष सरदार पटेल Part 1

हर काम पूरी लगन और तन्मयता के साथ पूरा करने कई आदत बचपन से ही थी

dr. j k garg
बालक पटेल अपने किसान पिता के साथ खेत पर जाया करते थे | एक दिन पटेल के पिताजी खेत में हल चला रहे थे वहीं पिता के साथ चलते चलते सरदार पहाड़े याद कर रहे थे | वे पहाडे याद करने में पूरी तरह से तल्लीनहो गये और हल के पीछे चलते चलते उनके पांव में कांटा लग गया परन्तु सरदार पटेल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ाक्योंकि वो तो पहाड़े याद करने में मशकुल थे | तभी अचानक उनके पिताजी की नजर वल्लभ भाई के पांव पर पड़ी तो पांव में बड़ा सा कांटा देखकर एक दम से चौक गये और तुरंत अपने बैलों को रोककर वल्लभ के पैर से कांटा निकाला और घाव पर पत्ते लगाकर खून को बहने से रोका | सरदार पटेल की इस तरह की एकाग्रता और तन्मयता देखकर उनके पिताजी बहुत खुश हुए और उन्हें जीवन में कुछ बड़ा करने का आशीर्वाद दिया और सरदार को उनकी सफलता के लिये आशीर्वाद दिया जिसे सरदार ने वास्तविकता में प्राप्त भी किया | यहाँ याद करने वाली बात है कि हमारे जीवन में इस तरह के बहुत कांटे चुबते हैं किन्तु उनके दर्द की परवाह नहीं करते हुए आगे बड़ने से सफलता जरुर मिलती है |

Dr J. K. Garg

error: Content is protected !!