पाकिस्तान ने 3 दिसम्बर,1971 को भारत के वायु सेना के ठिकानों पर हमला करते हुए उसे युद्ध का न्योता दे दिया। पश्चिमी भारत के सैनिक अड्डों पर किया गया हमला पाकिस्तान की ऐतिहासिक प
राजय का कारण बना। इंदिरा जी ने चतुरतापूर्वक तीनों सेनाध्यक्षों के साथ मिलकर यह योजना बनाई कि उन्हें दो तरफ सेआक्रमण करना है। एक आक्रमण पश्चिमी पाकिस्तान पर होगा और दूसरा आक्रमण तब किया जाएगा जब पूर्वी पाकिस्तान की मुक्तिवाहिनी सेनाओं को भी साथ मिला लिया जाएगा। जनरलजे.एस अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय थल सेना मुक्तिवाहिनी की मदद के लिए मात्र ग्यारह दिनों में ढाका तक पहुँच गई। पाकिस्तान की छावनी को चारों ओर से घेर लिया गया। तब पाकिस्तान कोलगा कि उसका मित्रअमेरिका उसकी मदद करेगा। उसने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई। अमेरिका ने दादागिरी दिखाते हुए अपना सातवां बेड़ा बंगाल की खाड़ी की ओर रवाना कर दिया। तबइंदिरा गाँधी ने फ़ील्ड मार्शल मानिकशाह से परामर्श करके भारतीय सेना को अपना काम शीघ्रता से निपटाने का आदेश दिया। 13 दिसम्बर को भारत की सेनाओं ने ढाका को सभी तरफ से घेरलिया। 16 दिसम्बर को जनरल नियाजी ने 93 हज़ार पाक सैनिकों के साथ हथियार डाल दिए। उन्हें बंदी बनाकर भारत ले आया गया। शीघ्र ही पूर्वी पाकिस्तान के रूप में बंगलादेश का जन्म हुआऔर पाकिस्तान पराजित होने के साथ ही साथ दो भागों में विभाजित भी हो गया।
Dr J. K. Garg