72वें गणतंत्र दिवस पर आईये जाने गणतंत्र दिवस का महत्व और इतिहास

dr. j k garg
भारत के आजाद हो जाने के बाद संविधान सभा का गठन किया गया जिसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ किया | संविधान के ड्राफ्ट बनाने के अध्यक्ष बाबा साहिब अम्बेडकर बने | 2 साल, 11 महीने, 18 की अथक मेहनत के बाद भारतीय संविधान का निर्माण पूरा हुवा जिसको 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सुपूर्द किया इसी वजह से 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है | संविधान के ड्राफ्ट में अनेको सुधार और बदलाव के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए | मन में स्वाभिक सवाल उत्पन्न होता है क्यों भारतीय संविधान को लागु करने के लिये 26 जनवरी को चुना गया ? इसके लिये 1929 की महत्वपूर्ण घटना को याद करना होगा | 26 नवम्बर 1929 को लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ, जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अगर अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का पद नहीं प्रदान करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाता, तो भारत अपने को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा | 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया | 26 जनवरी 1930 की उद्दघोसना का महत्व बनाए रखने के लिए 26 जनवरी 1950 को कांस्टीट्यूएंट असेंबली द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई | आज ही के दिन साल 1950 में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था |

भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है | गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मानता है।

प्रस्तुति करण डा. जे. के. गर्ग

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