ऋतुयों का राजा बसंत पंचमी

dr. j k garg
हमारे देश के अन्दर एक वर्ष को 6 ऋतूओ में यानि वसंत , ग्रीष्म ,वर्षा , शरद , हेमंत और शिशिर ऋतू में बाटा गया है | इन सभी में से वसंत को सभी ऋतूओ का राजा माना गया है | बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु प्रारम्भ होती है | बसंत ऋतू के आरम्भ होते ही सर्दी के बाद प्रकृति की छटा देखते ही बनती है | इस मौसम में खेतों में सरसों की फसल पीले फूलों के साथ , आम के पेड़ पर आए फूल , चारों तरफ हरियाली और गुलाबी ठण्ड मौसम को और भी खुशनुमा बना देती है | स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बसंत ऋतू सर्व श्रेष्ट होती है | हिन्दू कलेंडर के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी या ज्ञान पंचमी का पर्व प्रति वर्ष मनाया जाता है | इस वर्ष 30 जनवरी 2020 को बसंत पंचमी का पर्व सोहार्द और उल्लास के साथ मनाया जाएगा | बसंत पंचमी के दिन को बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के आरंभ करने के लिए शुभ माना गया हैं। इस दिन बच्चे की जीभ पर शहद से ॐ बनाना चाहिए। माना जाता है कि इससे बच्चा ज्ञानवान होता है व शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है । बसंत पंचमी को परिणय सूत्र में बंधने के लिए भी बहुत सौभाग्यशाली माना | गृह प्रवेश से लेकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है ।

इंसानों के साथ-साथ पशु पक्षियों में बसंत ऋतू में नई चेतना का संचार होता है | गुनगुनी धूप, स्नेहिल हवा, सुहाने मौसम का नशा प्रेम की अग्नि को प्रज्वलित करता है । बसंत ऋतु कामदेव की ऋतु है। यौवन इसमें अंगड़ाई लेता है। दरअसल वसंत ऋतु एक भाव है जो प्रेम में समाहित हो जाता है।

Dr J.K. Garg

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