भाद्र शुक्ल चतुर्थी को गणेशजी की मूर्ति की स्थापना ढोल नगाड़े के साथ घरों में जाती है | भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से अगले 10 दिन के बाद देश के विभिन्न प्रान्तों में गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आना के नारों के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन हर्षोल्लास के साथ सरोवरों में किया जाता है | धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से अगले 10 दिन तक गणपति को वेद व्यास जी ने भागवत कथा सुनाई थी। इस कथा को गणपति जी ने अपने दाँत से लिखा था। दस दिन तक लगातार कथा सुनाने के बाद वेद व्यास जी ने जब आंखें खोली तो पाया कि लगातार लिखते-लिखते गणेश जी के शरीर का तापमान काफी बढ़ गया है। महर्षि वेद व्यास जी ने गणेश जी को आदेश दिया कि वो तुरंत पास के कुंड में डुबकी लगा कर अपने आप को ले ठंडा कर लें । अत: इसी मान्यता के अनुसार गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है |
Dr J.K. Garg