गणेश चतुर्थी — गणपति का जन्मोत्सव मैनेजमेंट के सर्वोच्च गुरु देवों के देव गणेश part 6

खड़े होने का भाव:

j k garg
गणेशजी की यह अवस्था बताती है कि दुनिया में रहते हुए मनुष्य को सांसारिक कर्म भी करने जरूरी है | वस्तुतः इन सबमें एक संतुलन बनाये रखते हुए उसे अपने सभी अनुभवों को परे रखते हुए अपनी आत्मा से जुड़े रखना चाहिए और अपने जीवन को आध्यात्मिकता सेजोड़ कर अंतर मुखी बनना चाहिए |

हाथी का सिर :

इस कहावत से हम सभी परिचित हैं कि “ बड़ा सिर सरदार और बड़ा पांव गवांर का “ गणपति का बड़ा सिर खुशहाल जीवन जीने के लिये इंसान के अन्दर मौजूद असीमित बुद्धिमत्ता का प्रतीक है, वहीं विनायक के बड़े कान अधिक ग्राह्यशक्ति के प्रतीक हैं | गजानन लंबोदर हैं क्योंकि समस्त चराचर सृष्टि उनके उदर में ही विचरती है।
हम लोगों यह भी जानना चाहिए कि गणपति के बड़े कान उनकी सर्वाधिक ग्राह्य शक्ति को दर्शाती है गजकर्णक की लंबी नाक (सूंड) महा बुद्धित्व का प्रतीक है।

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