साम्प्रदायिक सद्भाव की साक्षात मूर्ति लोकदेवता बाबा रामदेव—रामसापीर Part 3

रामदेव जी के बचपन की अद्भुत घटनायें

j k garg
एक दिन सुबह रामदेव एवं विरमदेव अपनी माता मैणादे की गोद में खेल रहे तब उनकी मां दूध को गर्म करने के लिये उसे भगोनी में डाल कर चूल्हे पर चढ़ाने चली गई, उसी वक्त रामदेव जी अपनी माता को चमत्कार दिखाने के लिये अपने बड़े भाई विरमदेव जी के गाल पर चुमटी काट दी जिससे विरमदेव को क्रोध आ गया और उन्होंने राम देव को धक्का मार कर गिरा दिया | रामदेवजी गिर गये और रोने लगे हैं। रामदेव जी के रोने की आवाज सुनकर माता मैणादे दूध को चुल्हे पर ही छोड़कर उनके पास आ गई और रामदेव जी गोद में लेकर पुछ्कारने लगी | उधर दूध को भगोनी के बाहर गिरता देखती माता मैणादे रामदेवजी को गोदी से नीचे उतारना चाह रही थी किन्तु उन्होंने उस वक्त देखा रामदेवजी अपना हाथ दूध की ओर करके अपनी देव शक्ति से उस बर्तन को चूल्हे से नीचे आसानी से जमीन पर रख दिया। यह चमत्कार देखकर माता मैणादे वह वहीं पर उपस्थित पिता अजमलजी तथा नोकर चाकर अचम्भित होकर भगवान द्वारकानाथ की जय जयकार करने लगे ।

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