सौभाग्य या लाभ पंचमी आज

राजेन्द्र गुप्ता
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी के नाम से जाना जाता है। इसे सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं। इस दिन सभी प्रकार की कामनाओं की इच्छा रखने वालों के लिए लाभ पंचमी का व्रत जरुर रखना चाहिए। इस दिन विशेषकर भगवान शिव का पूजन करना विशेष फलदायी होता है। लाभ पंचमी के दिन पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति आती है और जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली से गुजराती नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके साथ ही लाभ पंचमी के दिन को अपने व्यापार में तरक्की के लिए बेहद शुभ दिन मानते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से व्यापार में मनवांछित लाभ मिलता है। तथा शिव-पार्वती का पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में आ रही बाधा दूर होती है और घर -परिवार में सुख -शांति के साथ -साथ सौभाग्य का वास होता है।

लाभ पंचमी व्रत
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वर्ष 2021 में लाभ पंचमी का व्रत 09 नवंबर, दिन मंगलवार को रखा जाएगा।

लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त
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06:16 AM से 09:56 AM

पूजा करने की अवधि
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03 घंटा 40 मिनट

पंचमी तिथि प्रारंभ
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08 नवंबर 01:15 PM

पंचमी तिथि समाप्त
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09 नवंबर 10:30 AM

पूजाविधि
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लाभ पंचमी व्रत की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं और प्रात:काल स्नान करें। उसके बाद सूर्यदेव को जल दें। इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाओं के समझ बैठ जाएं। भगवान गणपति जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, धूप,दीप और दूर्वा आदि अर्पित करें। इसके बाद मां पार्वती और मां लक्ष्मी को फूल आदि अर्पित करें और माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र, इत्र, हल्दी आदि भी अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें। साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरा दिन निराहार रहना है। फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।
आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन विवाहित महिलओं को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

लाभ पंचमी का महत्व
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इस दिन किसी भी नए काम की शुरूआत करना शुभ और पुण्यफलदायी होता है। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यदि इस दिन कोई नया बिज़नस स्टार्ट करता है तो उसे फायदा होता है. यह त्यौहार गुजरात में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन व्यवसायी नया बहीखाता शुरू करते है। खाताबही में लाल कुमकुम से शुभ-लाभ लिखा जाता है और भगवान गणेश का नाम लिखा जाता है तथा साखिया भी बनाया जाता है। इस दिन मंत्रो द्वारा भगवान गणेश का ध्यान किया जाता है। विधि-विधान से इस पर्व को मनाने से धन-धान्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

लाभ पंचमी मनाने का तरीका
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लाभपंचमी के दिन लोग अपनी दूकान खोलकर पूजन करते है। इस दिन लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का पूजन करते है और धन-धान्य और सुख-शान्ति की कामना करते है।

इस दिन रिश्तों में मिठास लाने के लिए लोग एक-दुसरे के घर जाते है और मिठाई, कपड़ो आदि का आदान-प्रदान करते है। लाभ पंचमी के दिन कुछ लोग धन की देवी लक्ष्मी के साथ विद्या की देवी माँ शारदा की भी पूजा करते है।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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