dr. j k gargनिसंदेह मसीह समाज जे लिये ईस्टर का वो ही महत्व जो हिन्दुओं के लिये दीपावली का होताहै | दीपावली के दिन प्रभु राम का 14 साल के वनवास के बाद अपने घर अयोध्या में प्रवेशहुआ था | इसी तरह सूली पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद प्रभु यीशु मसीह ईस्टर पर पुन अवतरित हुए थे |भारत मे मुख्य रूप से मुंबई , गोवा और पूरे भारत में जहा भी अधिकतर क्रिश्चियन लोग निवास करते हैवहां पर चर्च को विशेष रूप से, सजाया जाता है | कनाड़ा में विश्व की सबसे बड़ी ईस्टर एग्ग की साइट है | पश्चिमी ईसाई धर्म के लोग ईस्टर सीज़न के दौरान “ऐश वेड्नस्डे” को उपवास रखना शुरू करते हैं और ईस्टर संडे को अपने उपवास का अंतकरते हैं। भारत मे ही नही बल्कि, सम्पूर्ण विश्व मे जहा गुड फ्राइडे को शांति से बनाते है वही ईस्टरको उतनी ही धूम-धाम से बनाया जाता है |ईस्टर का असली संदेश यही है कि असली और सुखमय जीवन वो ही है जो जड़ताको तोड़े |
डा.जे. के.गर्गपूर्व संयुक्त निदेशक कालेज शिक्षा, जयपुर