शनि अमावस्या का शुभ मुहूर्त
===================
हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या 30 अप्रैल 2022 दिन शनिवार को पड़ रही है। अमावस्या तिथि 30 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। उसके बाद वैशाख शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। इस दिन स्नानदान श्राद्ध आदि का विशेष महत्त्व है।
शनिश्चरी अमावस्या का महत्व
===================
हिंदू धर्म में इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म भी किए जाते हैं, इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे अपने परिवार एवं सगे संबंधी को सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते है। शनि आमवस्या पर शनि देव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनके कर्मों का फल देते हैं। साथ ही इससे साढ़ेसाती और ढैय्या में राहत मिलती है।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन करें ये उपाय
=======================
शनि प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं तथा शनि देव के मन्त्रों का जाप करें।
शनि देव पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम, काजल लगाकर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें।
इस दिन सरसों के तेल में तली हुई पूड़ी और अन्य चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
शनि पूजा के समय 5, 7, 11 या 21 बार शनि मंत्र का जाप अवश्य करें और शनि चालीसा का पाठ करें. अंत में शनि देव की आरती करें।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के नीचे भी सरसों के तेल का एक दीपक अवश्य जलाएं।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन करें दान
======================
शनि अमावस्या के दिन काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहे की कोई चीज और सरसों का तेल आदि सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद या गरीबों को दान करें। फिर शनि स्तोत्र का तीन बार पाठ करें। ऐसा करने से शनि की महादशा के कष्ट कम होते हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।