मैं मंत्री का भाई बोल रहा हूँ ये काम हो जाना नही चाहिए नही तो… , देखिये आप मुझे ब्लेकमैल नही कर सकते , मैं सरकारी अधिकारी हूँ काम प्रक्रिया से ही होते है , और मुझे धमकिया ना दो सरकारी अधिकारी हूँ मुझे तो नौकरी करनी ही है करा दो ट्रांसफर ,
यही बात मंत्री के भाई को खटक गयी और रसूख दिखाते हुए अगले 2 दिन बाद ही एईएन साहब को एपी ओ कर दिया गया , ये सन्देश देने के लिए कि डेगाना में रहना है तो मंत्री के भाई का हुक्म तो बजाना ही है , रसूख के इस्तेमाल का ये मामला नया नही है ऐसे कई मामले पहले भी क्षेत्र में हो चुके है , एक उच्च शिक्षित क्वालिफाइड व जिम्मेदार अधिकारी को चुनावों में आठवी की फर्जी डिग्री लगाने के आरोपी मंत्री के भाई के आदेश नही मानने की सजा मिल गयी वही डेगाना क्षेत्र में इस घटना को लेकर लोगों में चर्चा ही नही बल्कि गुस्सा भी रसूख के दम पर अगर इसी तरह काम होते रहे तो जनता के हित में किये जाने वाले सरकारी कार्यों में रुकावट तय है क्युकि इससे अधिकारीयों का मनोबल गिरता है और उन्हें जी हुजूरी करने को मजबूर होना पड़ता है जिससे जनता के हित पीछे छूट जाते है