युवाओं में हो गौ रक्षा के प्रति भावना जाग्रत

संत रामप्रसाद महाराज ने दिया सन्मार्ग पर चलने का संदेश, नृसिंह भगवान का प्राकट्य उत्सव मनाया
ram prasad jiब्यावर, 28 फरवरी। महात्मा गांधी ने देश में राम राज्य का सपना देखा था। इसके लिए उन्होंने अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए जनजाग्रति फैलाई, लेकिन आज अहिंसा की जगह हिंसा ने ली है। इसी का परिणाम है कि देश में अत्याचार बढ़ रहे है। यह उद्बोधन कथावाचक संत रामप्रसाद महाराज ने शहर के राधाकुंज गार्डन में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कही।
उन्होंने गाय की हो रही हत्या को चिंताजनक बताते हुए कहा कि जिस गाय को हम मां कहते थे, उसको आज संरक्षण की आवश्यकता पड गई। इसी का कारण है कि हम गौ रक्षा के लिए कानून बनाने की लड़ाई लडनी पड रही है।
महाराज ने कहा कि देशभर में गौ भक्त है। जो गायों की रक्षा के लिए दान तो कर देते है, परन्तु सेवा नहीं करते। ऐसे में गाय खुले में घूम रही है और सुरक्षा नहीं हो पाती। उन्होंने भक्तों को गौशाला में जाकर सेवा करने और उनकी सारसंभाल करने की बात कही।
संत रामप्रसाद ने कहा कि संसार में बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के चलते एक मानव दूसरे मानव से ईर्ष्या और लोभ करने लगा है। जिससे वह कुमार्ग की ओर जा रहा है। उन्होंने लोभ, लालच, अंहकार और दुष्प्रभाव से बचने के लिए संत और भक्ति के मार्ग को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जोधपुर के निकट तिम्हरी गांव में रामस्नेह विद्यापीठ आश्रम चल रहा है। इस गुरुकुल में जनसहयोग से बच्चों को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा दी जा रही है। यहां बच्चें पढ़ाई के साथ गौ सेवा भी कर रहे है। ताकि युवाओं में गौ रक्षा के प्रति भावना जाग्रत हो। कथा में नृसिंह भगवान का प्राकट्य उत्सव मनाया गया। इस मौके पर मुख्य यजमान कैलाश राठी, रामनिवास राठी, कैलाश भंडारी, डॉ एमपी गोयल, अशोक चौधरी, कैलाश मूंदडा, टीसी गोयल, रामप्रसाद मित्तल, सुनिल मूंदडा, दिनेश शर्मा, हंसराज शर्मा, गणपत सर्राफ, पं मुकुंदशरण दाधीच, राजेन्द्र शर्मा, अमरचंद कुमावत आदि मौजूद थे।
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