जिले में अब तक 85 ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त घोषित
जिला कलक्टर ने किया सभी से सहयोग का आह्वान
अजमेर, एक जनवरी, 2016 । केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत अजमेर जिले ने प्रदेश में सर्वाधिक शौचालयों का निर्माण कराया है। जिले में अब तक 85 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने सभी से अभियान में सक्रिय सहयोग का आग्रह किया है।
जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अजमेर जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत अब तक अजमेर जिले में एक लाख 81 हजार एक शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। यह संख्या प्रदेश में सर्वाधिक है। अजमेर जिले में अब तक 85 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। शेष ग्राम पंचायतों में तेजी से कार्य चल रहा है।
जिला कलक्टर डाॅ. मलिक ने बताया कि अजमेर जिले में किशनगढ़ ब्लाॅक में 13, अंराई में 11, भिनाय में 5, जवाजा में 5, केकड़ी में 9, मसूदा में 7, पीसांगन में 11, श्रीनगर में 17 एवं सरवाड़ में 7 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। इन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने में जिले के जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय नागरिकों सहित प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों का सक्रिय सहयोग रहा है।
उन्होंने आह्वान किया कि जिले में शेष रही ग्राम पंचायतों को खुले मंे शौच से मुक्त करने में समाज के सभी वर्ग सक्रिय सहयोग करे। सरकार द्वारा शौचालय निर्माण कराने वाले परिवारों को आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है। प्रत्येक परिवार को 12 हजार रूपये शौचालय निर्माण पर दिए जा रहे है।
डाॅ. मलिक ने कहा कि खुले में शौच एक अभिशाप है। बालिकाओं और महिलाओं को खुले में शौच के कारण कई तरह की परेशानियों से रोजाना जूझना पड़ता है। इससे उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है। बुजुर्गो को भी परेशानी होती है। हम सब मिलकर इस अभिशाप से मुक्ति के लिए प्रयास करे तो निश्चित सफलता हासिल होगी।
3 thoughts on “शौचालय निर्माण में अजमेर राजस्थान में प्रथम”
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सब फ्लॉप शो है केवल पब्लिसिटी स्टंट है।
अजमेर में घनी आबादी वाले क्षेत्र केसर गंज में बाजे वाली गली में जो नाले के सहारे चौक है वहां पर आज भी भारी संख्या में मजदूर, उनके बच्चे व क्षेत्रवासियो की दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारीगण खुले में शौच जाते है, जबकि आसपास लोगो का रहवास है। क्षेत्रवासियों द्वारा मना करने पर नहीं मानते।प्रशाशन को कई बार शिकायत की पर कोई परिणाम नहीं निकला। इस पर कलेक्टर साहिबा का ये जुमला कि अजमेर शौचालय के निर्माण में अव्वल है जो अपने आप में ”अपने मुहँ मिया मिठ्ठू ” वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
Ajmer….Awesome city in Rajasthan…. Dr.arushi malik had s of u….n jai ho
Jai ho…ajmer first in Rajasthan.. That’s great job