संस्कृति द स्कूल में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का भव्य तथा रंगारंग समापन

_dsc451225 अक्टूबर 2016 संस्कृति द स्कूल में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव अंकुर व दक्ष सम्पन्न हुआ। अंकुर व दक्ष में विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम संम्पन्न हुआ।
अंकुर व दक्ष में विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम से जहाँ दर्शकों को अभिभूत कर दिया वही वार्षिक प्रदर्शनी में डिजिटल प्रभाव देते हुए सभी विषयों से संबंन्धित प्रदर्शनी प्रस्तुत कर अपने ज्ञान ,कौशल व रचनात्मकता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दोनो दिन जूनियर व सीनियर मेधावी छात्र/ छात्राओं को पुरस्कृत किया गया ।
अंकुर व दक्ष कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नोर्थ वेस्टर्न रेलवे के डी.आर.एम श्री पुनित चावला , तथा इण्डियन पब्लिक स्कूल कॅान्फ्रेन्स के चेयरमेन व द मान पब्लिक स्कूल , दिल्ली के पिं्रसिपल कमाण्डर वी. के बंगा एंव समस्त अभिभावकों ने व विजिटर्ज व अन्य स्कूल के विद्यार्थियों नेे भी सम्पूर्ण प्रदर्शनी की भूरी- भूरी प्रशंसा की।
प्रदर्शनी के साथ -साथ स्कूल की पत्रिका ’इरा’ का भी विमोचन किया गया । तथा सीनियर वर्ग का सांस्कृतिक कार्यक्रम पहल एक अखण्ड भारत की थीम पर विचारोत्तेजक व रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया । वर्तमान में भारत के सबसे अशांत व अस्थिर राज्य कश्मीर जहाँ हालात बेहद संवेदनशील है उन हालातों को बयां करते हुए पुरा कार्यक्रम कश्मीर को समर्पित किया गया । कार्यक्रम में कश्मीर के अतीत , वर्तमान व भविष्य पर प्रकाश डाला गया ।
म्ंागलाचरण के मधुर ध्वनि से कार्यक्रम प्रारम हुआ । मुख्य अतिथि के कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात् गणपति वंदना से कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत हुई ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कामण्डर वी. के बंगा ने अपने उद्बोधन में छात्रों को शिक्षा का महत्व समझाया अन्होने कहा कि शिक्षा सिर्फ दिमाग में जमा तथ्य नहीं है बल्कि शिक्षा मनुष्यों में मौजुद गुणों को निखारना है। शिक्षा का लक्ष्य सिर्फ पाठयक्रम को पढना नहीं होता परन्तु शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो सम्पूर्ण व्यक्तित्व को उजला बनाये। यह सभी बातें मैंने संस्कृति द स्कूल में पाई और बेहद खुशी हुई कि यहाँ बच्चों का सम्पूर्ण विकास उनकी काबलियत के अनुसार हो रहा है। ये स्कूल तकनीक और संस्कारों का सामंजस्य बैठा कर बच्चों को खुबसुरती से पढ़ा रहा है।
सू़त्रधार के रूप में अलौकिक और अनुशा खान ने कश्मीर को परत दर परत यादें खंगालते हुए उस कश्मीर को याद किया जिसे दुनिया का स्वर्ग बताया जाता था। उन्होंने गीत संगीत , नृत्य के माध्यम से कश्मीर के उस गौरवशाली अतीत को याद किया जिसमें बुमरों का संगीत ,डलझील पर शिकारे में सैर ,पश्मीना, अतिथि देवो भवः व टूरिजम का आकर्षण का केन्द्र कश्मीर दिखाया । तत्पश्चात् तमस नाटक में भारत /पाक विभाजन , पाक अधिकृत कश्मीर ,यूनाइटेड नेशन में कशमीर की स्थिति पर लिया गया निर्णय दिखाया गया। वेस्टर्न म्यूजिक के माध्यम से अखण्ड भारत की परिकल्पना को साकार किया गया । अंग्रेजी नाटक के द्वारा लगातार लम्बे र्क्फ्यू , आंतकवाद , टूरिजम के चौपट होने का दंश झेल रहे कश्मीर की पीड़ा व दर्द को बेहद मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया । साथ ही कश्मीरी लोग जो आतंकवाद से बर्बाद हो चुके हैं उनके प्रति संवेदनशीलता रखने का सन्देश दिया गया । कश्मीर में तैनात हमारी अ़र्द्धसेना व सेना के जवान बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करते हैं ऐसे में उनके आत्मविश्वास में कमी आती है इसलिए उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भी देश भ्क्ति से ओत -प्रोत नृत्य प्रस्तुत किया गया । कश्मीर की संगीत की दुनिया में अनमोल सौगात सूफींज़म पर आधरित सूफी वन्दना जिसमे खुसरो के कलाम सम्मिलित है तो दूसरी ओर शहीदों को सलाम भी है । प्रस्तुत की गई जिसमें आध्यात्मिकता का वो रंग बिखेरा कि हर उपस्थित जन-भाव विभोर हो गए । कव्वाली के रूप में आयोजित भारतीय शास्त्रीय संगीत की इस अनुपम प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया । इसमें हर भारतीय हिन्दुस्तान की सलामती के लिए दुआ मांग रहा है व साथ ही अपने पडोसी मुल्कों को भी आगाह किया गया िकवे अपने नापाक मंसूबे ना पाले क्योंकि अब हिन्दुस्तान पहले वाला हिन्दुस्तान नही रहा ह ैअब वो शरीफों की शराफत से वाकिफ हो चुका है।
टॅाक शो में जन-मन में कश्मीर समस्या का हल ढंूढने की पहल की गई । सियासत से परे आम जन कश्मीर समस्या पर क्या सोचता है, कश्मीर के हालात के जिम्मेदार कौन है, आतंकवाद से हम कैसे निपटे , भारत के कश्मीर के प्रति सोहार्दपूर्ण रवैये तथा कश्मीर समस्या का व्यवहारिक समाधान ढंूढने की सार्थक कोशिश की गई
अन्त में मिले सूर मेरा तुम्हारा पर ग्रैंड फिनाले में भारत की अखण्डता के लिए सबको मतभेद भुलाकर काम करने के लिए प्रेरित किया । विद्याालय प्राचार्य ले.कर्नल ए.के त्यागी ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों , अभिभावकों का आभार प्रस्तुत किया । हैडबॉय सि़द्धार्थ हरलालका व हैडगर्ल प्रेरणा जैन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।

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