गुरु के बिना जीवन में अंधकार है

केकड़ी:– परमात्मा को जानकर की गई भक्ति फल देती है इंसान रोता हुआ पैदा होता है और अज्ञानता की वजह से रोता हुआ ही मर जाता है उक्त उदगार बहन संगीता ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल प्रवक्ता राम चंद टहलानी के अनुसार बहन संगीता ने कहा कि जिसके अंदर निरंकार का वासा होता नहीं वह बेसबर, हर हाल के अंदर रहकर करता रब का शुकर शुकर।
सद्गुरु की कृपा से ही संतो का संग व सत्संग मिलती है मानव जीवन में सद्गुरु कृपा से ही परमात्मा की जानकारी मिलती है जिस प्रकार खाली बोरी में अगर शक्कर भर दी जावे तो शक्कर के साथ-साथ उस खाली बोरी की कीमत भी बढ़ जाती है, ठीक इसी प्रकार मानव जीवन में अगर परमात्मा का ज्ञान मिल जाता है तो मानव जीवन की भी कदर बढ़ जाती है।
जो आपसे नफरत करता है आप उससे प्यार करें, जो आपका बुरा करता है आप उसका भला करें,नफरत की दीवार गिरा कर प्यार का पैगाम फैलाना है।
परमात्मा का ज्ञान भक्ति की पहली सीढ़ी है और भक्ति में कभी भ्रम पैदा ना करें यह आध्यात्मिक मानव जीवन की प्रगति में बाधक है।
अगर हमारा पहला कदम सही है तो आगे का समय सुनहरा है वरन अंधेरा ही अंधेरा है।
हमारी शारीरिक अंगों की सार्थकता भी तभी है जब नयन परमात्मा के दर्शन करे, हाथ सेवा करे,जुबान परमात्मा का गुणगान करे, और हमारे कदम सत्संग की ओर बढ़े।
सत्संग के दौरान भँवर,प्रेमबाई,निर्मला,कांता ,मथुरा,दिव्या,समृद्धि,माया दीपक टहलानी,अशोक रंगवानी आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन नरेश कारीहा ने किया।

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