बाल विवाह रोकथाम हेतु विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन

ब्यावर, 20 मई। बाल विवाह कुरीति के विरोध में जागरूकता अभियान के तहत विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन किया। बाल मन्दिर गल्र्स स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती उत्तमा माथुर व नयायिक मजिस्ट्रेट, सुश्री श्वेता परमार ने छात्राओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत करवाते हुए उन्हें इसके रोकथाम हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि पढ़े -लिखे लोग भी जातिगत रीति -रिवाजों, परम्पराओं तथा ,खर्चा बचाने के नाम पर इस प्रथा का पोषण कर रहे है, जबकि सामूहिक विवाहों द्वारा भी अनावश्यक खर्चा कम किया जा सकता है। कम उम्र में विवाह होने से व्यक्तिगत विकास व शिक्षा की दर घट जाती है। कम उम्र में मां बनने से लड़कियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास का क्रम थम जाता है एवं होने वाला शिशु भी कमजोर होता है। बाल विवाह एक कानूनी अपराध है जिसके तहत आयोजकों एवं बाल विवाह में भाग लेने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवही के तहत जुर्माना एवं सजा का प्रावधान है। कार्यक्रम का संचालन अशोक सेन ने किया तथा मुद्रित सामग्री वितरित की गई।

इस क्रम में टीकमचंद गोठरीवाल व संजय घीया ने प्रभात फैरी के दौरान नागरिकों को बाल विवाह के संबंध में सूचना उपखण्ड अधिकारी और स्थानीय पुलिस को देकर इस कुप्रथा को समाप्त करने में सहयोग प्रदान करें। कार्यक्रम में शेलेन्द्र कुमावत, गणपत परिहार, सत्यनारायण, अतिन राठी उपस्थित रहे।

error: Content is protected !!