अजमेर 08 सितम्बर – पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला, अजमेर में दस दिवसीय पयूर्षण पर्वराज के उपलक्ष में छठे दिन उत्तम संयम धर्म मनाया गया साथ ही मंदिर जी में सुंगध दषमी का पर्व भी बहुत हषोल्लास के साथ समाज की महिलाओं द्वारा मनाया गया।
नवकार महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती सरिता जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज संुगध दषमी पर्व पर समाज की महिलाऐं व्रत रखती है। इस दिन भगवान शीतलनाथ जी की पूजन श्रावक-श्राविकाओं के द्वारा अति भक्ति भाव से नृत्य करते हुए सम्पन्न हुई। प्रातः काल से ही महिलाऐं, पुरूष व बच्चे मन्दिर जी में धूप चढ़ाने के लिए आये। जैन धर्म के अनुसार जो 8 कर्म, हमारे संसार परिभ्रमण का कारण है, उन्हें समाप्त करने की भावना से भगवान के समक्ष धूप चढाई जाती है।
सभा को सम्बोधित करते हुए ‘‘उत्तम संयम धर्म’’ पर ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी व नेहा दीदी ने कहा कि संयम का अर्थ है नियन्त्रण। हमें नियन्त्रण करना है, अपनी इन्द्रियों पर, मन पर। जैन धर्म में संयम दो प्रकार के होते है जिनमें इन्द्रिय संयम व प्राण संयम। इन्द्रियों और मन को उन्मार्ग गामी व चपल अष्व की उपमा दी गई है जो इन पर लगाम नहीं रख पाता वह इनका अनुचर बन जाता है, इन्द्रियों का निग्रह न करने पर मनुष्य का अधः पतन निष्चित है। दूसरा संयम है प्राणी संयम – त्रस व स्थावन जीवों की यत्नाचार पूर्वक रक्षा करना प्राणी संयम हे। सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों के प्रति दया व अहिंसा का भाव रखना, उनका घात होने से बचाना ये प्राणी संयम है। अतः आवष्यक है कि हम प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखे और अपनी इन्द्रियों का निग्रह करें ये ही उत्तम संयम धर्म को मनाने का सार्थकता है।
इसी क्रम में कल दिनांक 09 सितम्बर सोमवार को प्रातः 6ः30 बजे से मंगलाचरण (मंगलाष्टक), 7ः00 बजे श्रीजी का अभिषेक व 7ः15 बजे से विष्व शांति की कामना व समस्त जीवों के कल्याण हेतु ब्रहद् शांतिधारा ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी द्वारा सम्पन्न करवाई जायेगी। तत्पष्चात् संगीतमय नित्य नियम पूजा व दस लक्षण महामंडल विधान किया जायेगा। इसके साथ ही सांय 6ः40 बजे से सामूहिक आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला में आयोजित किये जायेेगे।
(सरिता जैन)
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