राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले पर दिया स्टे

उपचाररत महिला की मृत्यु के एक मामले में राज्य उपभोक्ता आयोग ने हाॅस्पिटल पर लगाया था जुर्माना

अजमेर, 8 सितम्बर( )। उपचाररत महिला की मृत्यु के आठ साल पुराने एक मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, पुष्कर रोड अजमेर की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग के निर्णय को स्टे कर दिया है।
मित्तल अस्पताल के वाइस प्रेसीडेंट श्री श्याम सोमानी ने बताया कि मित्तल अस्पताल की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजीव पुरी ने पैरवी की थी।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने इस मामले में मित्तल हाॅस्पिटल पर क्षतिपूर्ति के 91 लाख 91 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। इसमें से 41 लाख 91 हजार रुपए परिवादी को नकद दिए जानेे थे, बाकी 50 लाख रुपए उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराने के आदेश थे।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने यह आदेश राजेन्द्र कुमावत व अन्य के परिवाद पर 1 जुलाई 19 को दिया था। परिवादी ने पत्नी यशोदा देवी को पेट में दर्द की शिकायत पर अजमेर के वैशाली नगर स्थिति एक अन्य निजी अस्पताल में 14 जुलाई को भर्ती कराया था। जहां मरीज की पित्त की थैली में पथरी का दूरबीन से आॅपरेशन किया गया। आॅपरेशन के दौरान मरीज की तबीयत गंभीर होने पर मरीज को मित्तल हाॅस्पिटल रेफर कर दिया गया। मित्तल हाॅस्पिटल में मरीज का जीवन बचाने का हर संभव प्रयास किया गया किन्तु मरीज को बचाया नहीं जा सका। मृत्यु हो जाने पर परिवारजनों ने दोनों ही हाॅस्पिटलों पर आरोप लगाते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया था।

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