आरएसएस को बदनाम करना कांग्रेस सरकार को भारी पड़ेगा-देवनानी

-सरकार में साहस है तो पहले भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अपने मंत्रियों को गिरफ्तार करे
-झूठी कहानियां गढ़ कर राष्ट्रवादी संगठनों को बदनाम करना कांग्रेस की फितरत
-राजस्थान व तेलंगाना की एफएसएल जांच रिपोर्ट विरोधाभासी
-वीडियो कूटरचित, काट-छांट की गई

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 1 जुलाई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि जयपुर ग्रेटर निगम सफाई के कथित घोटाले में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक, देशभक्त और समाजसेवी निम्बाराम को निराधार आरोपों के बूते घेरना कांग्रेस सरकार को भारी पड़ेगा। यदि कांग्रेस सरकार में जरा भी साहस है, तो पहले भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अपने मंत्रियों को गिरफ्तार करे। उन्होंने सरकार के इशारे पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर झूठी रिपोर्ट बनाने और दर्ज करने वाले पुलिस अफसरों को भी चेतावनी दी है कि सरकारें तो आती-जाती रहती हैं, इसलिए वे सरकार के मोहरे नहीं बनें और निष्पक्ष रूप से काम करें। उन्होंने कहा कि आरएसएस राष्ट्रीय विचारधारा को अपनाते हुए लोकतांत्रिक ढंग से कानूनी लड़ाई लड़ेगा। किसी भी सूरत में दबाव में नहीं आएगा।
देवनानी ने गुरूवार को जारी बयान में सरकार द्वारा निम्बाराम को बिना वजह घेरने पर कुछ सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि आखिर ऐसी कौनसी जरूरत पड़ गई थी, जो पुलिस ने एफएसएल की जांच राजस्थान की लैबोरेट्री से कराने के बाद भी तेलंगाना की लैबोरेट्री कराई। इससे जाहिर होता है कि तेलंगाना की एफएसएल रिपोर्ट में घालमेल किया गया। कहीं न कहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साठ-गांठ है। राजस्थान और तेलंगाना की एसएफएल रिपोर्ट में विरोधाभास है। उन्होंने कहा कि निम्बाराम के जिस वीडियो की बात की जा रही है, वह पूरी तरह कूटरचित है। इसमें काट-छांट कर निम्बाराम को जोड़ा गया है। इस प्रकार में पैसे का कोई लेनदेन भी नहीं हुआ, कम्पनी के अधिकारी स्पष्ट कह रहे है कि केवल सी.एस.आर.से संबंधित बात ही हुई ।
देवनानी ने कहा कि पहले जो एफआईआर का ड्राफट बना, उसमें निम्बाराम का कहीं भी नाम नहीं था। लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारियों ने सरकार के दबाव में और उनकी स्वार्थपूर्ति के लिए निम्बाराम का नाम जोड़ा गया। इससे जाहिर होता है कि सरकार ओछे हथकंडे अपनाकर आरएसएस और निम्बाराम को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र कर रही है। सरकार सत्ता का पूरा दुरूपयोग करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आरएसएस को दबाने और बदनाम करने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी, उसी राह पर गहलोत भी चल रहे हैं। गहलोत सरकार को यह हरकत महंगी साबित होगी। सरकार सत्ता का पूरा दुरूपयोग करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है।
देवनानी ने कहा कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर कामकाज में कोताही बरत रही बीबीजी कंपनी के कार्यादेश को रद्द किया था और फाइल पर नए टेंडर करने के आदेश दिए थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि फिर कैसे भ्रष्टाचार की बात उठाई जा सकती है। अब तक जो घटनाक्रम सामने आ रहा है, वह कहीं न कहीं मनगढ़ंत, कूटरचित और झूठा दिखाई पड़ता है। वैसे भी कांग्रेस की हमेशा से फितरत झूठी कहानियां गढ़ कर विरोधी दलों और नेताओं को बदनाम करने की रही है।
देवनानी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की दुहाई देने वाली कांग्रेस सरकार पहले खुद अपने गिरेबां में झांक ले। एकल पट्टा प्रकरण में आरोपों से घिरे पूर्व आईएएस अधिकारी जी.एस. संधू को स्वायत्त शासन विभाग का मुख्य सलाहकार बना दिया गया है। आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा के खिलाफ दो करोड़ रूपए घोटाले की एफआईआर दर्ज थी, जबकि उन्हें भी महत्वपूर्ण पद पर बैठा रखा है। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन पहले ही श्रम विभाग के कमिश्नर प्रतीक झाझड़िया को एसीबी ने रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोप है कि श्रम मंत्री टीकाराम जूली तक भी मंथली पहुंचती थी। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं। देवनानी ने सवाल उठाया है कि यदि सरकार इतनी ही ईमानदार बनती है, तो पहले आरोपों से घिरे अपने मंत्रियों को गिरफ्तार करवाए।
देवनानी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा से कहा है कि वे पहले अपने गिरेबां में झांकें। कांग्रेस खुद भ्रष्टाचार की जननी है और अनेक कांग्रेस मंत्री, विधायक व नेता भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। कांग्रेस के ही विधायकों ने मंत्रियों पर आरोप लगाए हैं, तो यह माना जा सकता है कि आरोपों में कहीं न कहीं सच्चाई है। उन्होंने सरकार और कांग्रेस को चेतावनी दी है कि वह झूठे और मनगढ़ंत आरोप थोपना बंद करे, वरना भाजपा इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

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