अग्रवाल ने ज्ञापन में लिखा है कि इस सम्बन्ध में यह भी जानकारी मिली है कि नगर सुधार न्यास की ओर से उक्त जमीन दिसम्बर 1987 में प्रमोद कुमार पुत्र रतन कुमार को आंवटित हुई थी। आवंटी ने राशि का 25 प्रतिशत तो जमा करा दिया लेकिन तय अवधि में शेष राशि जमा नही कराई इसके चलते न्यास ने इसका आवंटन निरस्त कर दिया। आवंटन निरस्त होने से आवंटी का जमीन पर हक समाप्त हो गया इसके बावजूद उसने इसके बेचान के लिए श्री खुराना से इकरारनामा किया। वही ए.सी.आर. योजना अब नगर निगम को हस्तान्तरित हो गयी है जिससे उक्त जमीन का कब्जा नगर निगम के पास आ गया और आवेदक ने स्वामित्व सम्बन्धित जानकारी छिपाते हुए निगम में नक्शा स्वीकृति के लिए आवेदन कर दिया और निगम ने उक्त जमीन पर नक्शा स्वीकृत कर दिया।
शैलेन्द्र अग्रवाल ने नगर निगम आयुक्त श्री देवेन्द्र कुमार से मांग की है कि उपरोक्त मामले में दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों तथा गलत तरीके से नक्शा स्वीकृत कराने वाले आवेदक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाये ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह गलत तरीके से सरकारी जमीन पर नक्शा स्वीकृत करने की हिम्मत ना कर सके। पत्र में अग्रवाल ने यह भी मांग की है इस संबंध में की गई कार्यवाही से उन्हें भी अवगत कराया जाये।
(शैलेन्द्र अग्रवाल) पूर्व पार्षद
प्रदेश मुख्य प्रशिक्षक
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवादल
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