अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज एवं सज्जादनशीन मुस्लिम धर्म प्रमुख दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान दुनियाभर में हिंदू और बौद्धों की आस्था के केंद्र बिहार के बोध गया स्थित महाबोधि मंदिर के पास रविवार को हुए सीरियल ब्लास्ट की कड़ी निन्दा करते हुऐ आतंकी हमले में घायल पांच लोगों के स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि अमन और शान्ति की स्थापना तभी संभव है जब दुनियां के सभी मुल्क आतंकवाद के खिलाफ सामुहिक प्रयास कर धरती के इस अभिशाप के जड़ से खात्मे के लिऐ निर्णायक सघर्ष का ऐलान करें। अजमेर दरगाह प्रमुख एवं धर्म गुरू दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने रवीवार को ब्यान जारी कर कहा कि आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता किसी भी धर्म के धर्म स्थल पर हमला कर नुकसान पहुचा कर मासूमों केी जाने लेने की इस्लाम कतई इजाजत नहीं देता। उन्होने कहा कि इस्लामी जिहाद और हिन्दुत्तव की आड़ में आंतकवादी वारदातें अंजाम देकर मासूम बेगुनाहों की जाने लेने वाले कथित धार्मिक संगठन इंसानियत के दुश्मन हैं।
दरगाह दीवान ने कहा कि कट्टरपंथी ताकतें आतंकवाद को इन्सानियत के खिलाफ अपनी नाजायज सियासी महत्वकांक्षाओं की पूर्ती के लिऐ इस्तेमाल करके अमन शान्ति को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होने कहा कि मंदिर परिसर के पास प्रमुख स्थलों को निशाना बनाया गया था पर आतंकी अपने मंसूबे मे कामयाब नहीे हो सके और 1500 साल पुराने मुख्य मंदिर और महाबोधि वृक्ष को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
दरगाह दीवान ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में चूक के लिऐ बिहार सरकार को जिम्मेदार मानते हुऐ सवाल उठाया कि आई.बी के अलर्ट के बावजूद मंदिर परिसर में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कैसे पहुंच गई। उन्होने केन्द्र सरकार से मांग की देश के सभी धर्म स्थलों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की जाऐ और इसकी निगरानी के लिऐ एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जाऐ जिसमे सरकारी नुमाईंदों कें अलावा देश के सभी धर्मों के प्रमुख धर्म प्रमुख सदस्य हों।