लॉक डाउन में व्यापारियों का दर्द

लॉक डाउन में आम आदमी जहां घरों में कैद है, वहीं सारी दुकानें बंद हैं। गरीबी रेखा से नीचे व उसके आस-पास जीने वाले लोगों के सरकार अथवा भामाशाहों की ओर से किसी न किसी रूप में मदद मिल रही है। सरकारी कर्मचारियों को नियमित वेतन मिल रहा है। अकेला मध्मम वर्गीय तबका व व्यापारी … Read more

अधिकारियों, नेताओं और संपन्न वर्ग के बच्चे थे, तो बसें भेज दी गई

लाॅकडाउन की मूल भावनाओं के खिलाफ लिया योगी सरकार ने निर्णय रजनीश रोहिल्ला। देखए महसूस कीजिए। सरकारों के दोहरे मापदंडों को। 4 हजार विद्यार्थियों को कोटा से उत्तर प्रदेश में उनके घर तक पहुंचाने के योगी सरकार के निर्णय को समझिए। पांच बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी पर आए। लाॅकडाउन का अर्थ और महत्व समझाया। … Read more

क्या हमें आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी पर खामोश रह जाना चाहिए ?

14 अप्रैल 2020 को जब देश बाबा साहब अम्बेडकर की 129 वी जयंती मना रहा था, तब नागरिक अधिकार कार्यकर्ता,चिंतक , आलोचक व लेखक प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े को एनआईए ने हिरासत में ले लिया। कौन है आनंद ? आनंद तेलतुंबड़े भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी चर्चित नाम है,वे अपनी तार्किक और … Read more

बत्ती गुल : बेवकूफी या बुद्धिमत्ता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैसे ही 5 अप्रैल की रात को 9 बजे 9 मिनट के लिए बिजली बंद करके दीये, मोमबत्ती या मोबाइल फोन की रोशनी में दुआ करने की अपील की है, पूरा सोशल मीडिया उनके समर्थन व विरोध की पोस्टों से अट गया है। कोई इसे उनकी अत्यंत बुद्धिमत्ता की संज्ञा दे … Read more

यस बैंक का नो बैंक बन जाना!

निजी क्षेत्र के ‘यस बैंक’ का कंगाली की हालत में पहुंचना एवं इस सन्दर्भ में सरकार द्वारा उठाये गये कदम दोंनो ही स्थितियां प्रश्नों के घेरे में हैं। यह कैसा विरोधाभास है कि एक तरफ तो सरकार अपने नियन्त्रण में चलने वाली लाभप्रद कम्पनियों की पूंजी बेच कर रोकड़ा की उगाही कर रही है और … Read more

दिल्ली को शस्त्र नहीं, सौहार्द चाहिए

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से जो हालात बने हैं, वे न केवल त्रासद एवं शर्मनाक हैं बल्कि भारत की संस्कृति एवं एकता को धुंधलाने वाले हैं। इंग्लैण्ड एवं स्काॅटलैंड की दो सप्ताह की यात्रा से दिल्ली लौटने पर जो हिंसा, आगजनी, विध्वंस के उन्मादी हालात देखने को मिले, उससे मन बहुत दुःखी हुआ, वैसे … Read more

क्या फिर भी सुधरेगी नौकरशाही

-मुख्यमंत्री की फटकार का क्या अफसरों पर हो पाएगा असर -निकम्मे अफसरों पर क्यों नहीं की जाती सीधी कार्यवाही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अजमेर, कोटा, प्रतापगढ़ और हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टरों के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए सुधार करने की नसीहत दी। लेकिन असल सवाल यह उठता … Read more

दिल्ली में बीजेपी को मात मिली, यूपी में विरोधियों की बाछें खिलीं

-संजय सक्सेना, लखनऊ- जंग और मोहब्बत में सब कुछ जायज होता है। यह जुमला मौजूदा सियासत पर बिल्कुल फिट बैठता है। अगर ऐसा न होता तो कांग्रेसी दिल्ली में खुद को मिटाकर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की हार का जश्न नहीं मानते।दिल्ली पर लम्बे समय तक राज करने वाली कांग्रेस का पिछली बार की तरह इस … Read more

एक जि़द और जुनून भरा आंदोलन.. जो बुझाए ना बुझे लग रहा है

शाहीन.. यानि बाज़। जिसकी बाहों में आसमां होता है और ऊपर उडऩे का हौसला। नज़रें ज़मीन पर। अपनी परवाज़ में जैसे पूरी दुनिया को अपने पंखों में समेट लेना चाहता हो। पूरी ताकत से हवा को चीरता उंचाँ उड़ता बाज़ जैसी हिम्मत उन मुस्लिम महिलाओं ने दिखाई है जिनके बारे में कहा जाता रहा है … Read more

क्या विकास के मुद्दे को भुना पाएंगे अरविंद केजरीवाल?

दिल्ली का राजनीतिक पारा इन दिनों आसमान छू रहा है। देश की राजधानी होने के कारण पूरा राष्ट्रीय मीडिया पर इसी का हल्ला है। दिल्ली विधानसभा के आसन्न चुनाव को लेकर जहां मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने वजूद को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है, वहीं भाजपा उनकी जमीन खिसकाने में … Read more

क्या अपने ही जाल में फंस गई है भाजपा सरकार?

लोकसभा में स्पष्ट बहुमत और राज्यसभा में जुगाड़ करके भाजपा ने पहले धारा 370 को हटाने जैसा ऐतिहासिक कदम उठाया और फिर चंद दिन बाद ही सीएबी भी पारित करवा लिया। यह भाजपा की अपने एजेंडे को लागू करने की सफलता ही कही जाएगी। इस पर वह अपनी पीठ थपथपा सकती है, मगर जिस प्रकार … Read more

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