सृजन

तुमने, शीशे के टुकड़ों की भांति बिखेरा मुझे मेरे अफसोस पर अट्टहास किया, मैंने किर्च किर्च होकर बिखरें हर टुकड़े में अपने वजूद को देखा हर कही मैं ही मैं थी। तुमने मुझे बीच राह की अन्तहीन भटकन दी मैंने, तमाम हसरतों को छोड़ यात्रारत रहने का संकल्प ले लिया और सत्य भी तो यही … Read more

जानलेवा शौक और मौत से यारी

-संजय सक्सेना, लखनऊ- स्टंट बाइकर्स, यह नाम कुछ वर्ष पहले तक गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान स्टंट करते सेना के जवानों, रूपहले पर्दे और सर्कस की दुनिया तक ही सीमित था, लेकिन अब यह महानगरों से लेकर छोटे -छोटे शहरों में युवाओं का शगल बन गया है। कभी देर रात्रि तो कभी दिन के … Read more

मैं गरीब हूं, इबारत गरीबी का मजाक है

राजस्थान में गरीबों का मखौल उड़ाने का एक गंभीर मामला सामने आया है, जो हमारी राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक मूल्यहीनता एवं दिशाहीनता का परिचायक है। राजनीतिक लाभ लेने के लिये किस तरह सरकार के द्वारा जनयोजनाआंें को भुनाने के प्रयत्न होते हैं, उसका राजस्थान एक घिनौना एवं अमानवीय उदाहरण बनकर प्रस्तुत हुआ है। गौरतलब है … Read more

जीएसटी अधूरा ज्ञान या फिर दुष्प्रचार

30 जून 2017 भारतीय इतिहास में 8 नवंबर के बाद एक और ऐतिहासिक तारीख़ यहाँ 8 नवंबर का जिक्र इसलिए किया गया है क्योंकि नोटबंदी काले धन पर प्रहार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था ( वह कदम कितना सफल हुआ यह एक अलग विषय है) जीएसटी को उसी लक्ष्य को हासिल करने हेतु … Read more

क्या हमारे देश लोकतंत्र है

क्या हमारे देश लोकतंत्र है , राजशाही में राजा के हाथ में राज दंड होता था जो राजा के हाथों में शक्ति का प्रतीक होता था ? लेकिन लोकतंत्र में राज्य का राजकाज संविधान के अनुसार चलता है और हमारे देश में भी चलना चाहिए ? लेकिन होता क्या है अब जब से बीजेपी का … Read more

दूषित सोच से लोकतंत्र का कमजोर होना

पिछले दिनों हमारी संकीर्ण सोच एवं वीआईपी संस्कृति में कुछ विरोधाभासी घटनाओं ने न केवल संस्कृति को बल्कि हमारे लोकतंत्र को भी शर्मसार किया है। एक घटना गुजरात की है जिसमें गुजरात विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा गलत जगह पार्किंग करने पर गार्ड द्वारा सही पार्किग लगाने की सलाह देना उसके लिये नौकरी से हाथ धोने … Read more

माताओं, बहनों व बच्चों से विशेष अपील

1 July से आप अपने घर में गुटके का प्रवेश निषेध कर दें । जरा सोचिए – क्या आप अपने पति, भाई या पिता के स्वास्थ्य के लिए चिंतित नहीं हैं ? – “यदि हां तो आप सब मेरा साथ दो” – आप किस अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं, please एक दो दिन खराब … Read more

क़लम उठ जाती है

यह बात बहुत ही अच्छी है , सीधी भी है और सच्ची है । इस देश में जिसको रहना है, भारत की जय ही कहना है । पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण , भारत का हो भू भाग कहीं । हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जय कहना यदि स्वीकार नहीं । तो छोड़ चले जाओ भारत , … Read more

भाई हो तो ऐसा ?

-निरंजन परिहार- तकनीक के तेवर रिश्तों को तहस नहस कर रहे हैं। मुकेश अंबाजी और अनिल अंबानी को ही देख लीजिए। दोनों भाई हैं। सगे भाई। धीरूभाई अंबानी के स्वर्ग सिधारते ही रिश्तों में दूरियां आ गई थी, और दोनों मन से बहुत दूर हो गए। फिर मोबाइल फोन के जिस धंधे में अनिल अंबानी … Read more

माननीयों का महाचुनाव….!!

तारकेश कुमार ओझा देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्पति के बारे में मुझेे पहली जानकारी स्कूली जीवन में मिली , जब किसी पूर्व राषट्रपति के निधन के चलते मेरे स्कूल में छुट्टी हो गई थी। तब में प्राथमिक कक्षा का छात्र था। मन ही मन तमाम सवालों से जूझता हुआ मैं घर लौट आया … Read more

भटके युवाओं के लिए योगी का एक्शन प्लान

-संजय सक्सेना, लखनऊ- युवा अवस्था में भटकाव एक निरंतर प्रकिृया की तरह चलता रहता है। कभी गलत संगत तो कभी बिगड़ी सोच के कारण युवा अपने मार्ग से भटक जाता है। ऐसा नहीं है कि पूरा युवा समाज ही भटकाव से जूझ रहा हो, ऐसे युवा भी हैं जो अपनी स्पष्ट और लक्ष्य भेदी सोच … Read more

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