हजरत, मैं शब्द बेचता हूं !

मैं शब्दों का व्यापारी हूं लिखकर ,बोलकर , कभी कभी चुप रह कर उन्हें बेचता हूं . जी हां भाईसाहब , मैं शब्दों का कारोबारी रात दिन लगा रहता हूं अल्फाजों की तिजारत में तरह तरह से उन्हें बेचता हूं उन्हीं से कमाता हूं उन्हीं की खाता हूं उन्हीं को ओढ़ता हूं उन्हीं को बिछाता … Read more

लूट मची है लूट ….

– कीर्ति पाठक -स्मार्ट सिटी बनने की ओर अजमेर ने बहुत ख़ुशी ख़ुशी एक कदम बढ़ाया … टेम्पो यूनियन , ऑटो यूनियन और सिटी बस यूनियन ने विरोध किया परंतु विरोध ठन्डे बस्ते में पहुँच गया … इस पर चर्चा अगली बार … हाँ तो स्मार्ट सिटी बनने चले अजमेर की टैक्सी सर्विसेज की बात … Read more

सोशल मीडिया में भूले मानवता..

स्मार्ट फोन के चस्के ने संयुक्त परिवारों में एकाकीपन ला दिया है। लोग साथ बैठते जरूर हैं, लेकिन ध्यान मोबाइल की स्क्रीन पर ही रहता है। स्मार्ट फोन की लत और सोशल मीडिया का मकड़जाल,, इंसान पर इस कदर हावी हो गया है कि अब परिवार में नीरसता के साथ-साथ मानवीयता का भी ह्रास होने … Read more

उबाऊ होता ‘दाऊद-पुराण’

-तारकेश कुमार ओझा- अपना बचपन  फिल्मी पर्दो पर डाकुओं की जीवन लीला देखते हुए बीता। तब कुछ डाकू अच्छे भी होते थे, तो कुछ  बुरे भी। किसी के बारे में बताया जाता कि फलां डाकू है तो काफी नेक , लेकिन परिस्थितियों ने उसे हाथों में बंदूक थामने को मजबूर कर दिया। कुछ डाकू जन्मजात दुष्ट … Read more

वक्त्त का अपना तकाजा

ख़ुशी की पहचान का कोई होल-मार्क नहीं होता, पर गम तो आई एस आई की अपनी प्रोडक्ट है | ख़ुशी की न कहीं तलाश कर, वह सब तो मोदी के पास है, हर आम को कैसे मिलेगी बाज़ार बहुत ऊँचा है| सब का साथ सब का विकास यह मंत्र उनके पास है, इस मंत्र के … Read more

मां के बारे में कुछ अनमोल वचन

दुनियां का पहला प्रेम——- मां, सब से कीमती वरदान—– मां, धरती पर भगवान की कहानी—मां, खुशीयों के बाग़ की बागवान—-मां, खुशीयों के अनमोल खजानेकी राह–मां, प्यार एवं डांट का खट्टा-मीठा खेल—मां | तू जन्नत का फूल है, प्यार करना उसका असूल है | दुनियां की मोहब्बत फजूल है, मां की हर दुआ कबूल है, मां … Read more

नई बात नहीं कही रामदेव ने

बाबा रामदेव ने यूं तो कोई नई बात नहीं की कि देश में पद्म पुरस्कारों यानि पद्मश्री,पद्य भूषण,पद्म विभूषण आदि देने-दिलाने के लिए जबरदस्त लॉबिंग होती है और इसमें सबसे ज्यादा राजनीतिक दखल होता है। लेकिन मोदी सरकार के करीबी होने के कारण रामदेव का ये कहना मायने रखता है। खुद बाबा को सरकार इस … Read more

अपने बच्चों से कैसा करें व्यवहार

ऐसा कौन सा परिवार होगा जहाँ बच्चे गलतीयां या शेतानीयाँ नहीं करते हैं——- शायद कोई भी नहीं | जब आप का बच्चा ऐसा कुछ करें जो आप की अपेक्षा के विपरीत हो जिससे आप परेशान हो जायं, इस अवस्था में अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को डाटते-फटकारते हैं या बैत से पीट भी देतें हैं , … Read more

भरत तिवारी की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

आठवाँ परिंदा परिंदा बन रहा हूँ परों पर कोपलें उग रही हैं सुना है तुमने सात आकाश बनाये हैं मुझे आठवां देखना है और तुम जिस आकाश से देखते हो उसमें तुम्हे देख लेता हूँ खिड़की का पर्दा हटा कर संपर्क: बी-67 SFS फ्लैट्स, शेख सराइ-1, मालवीय नगर, न्यू दिल्ली -17 फोन: 91-98-11-66-4796 सिन्धी अनुवाद: … Read more

धरती मां के चेहरे पर कालिख, छाती पर आग?

किसानों द्वारा जारी नरवाई जलाने का सिलसिला धरती की उर्वराशक्ति पर विपरित प्रभाव -डा. एल. एन. वैष्णव– भोपाल/ हरी और स्वर्णिम चादर के साथ खुबसूरत सी दिखलायी देने तथा प्राणियों के पेट को भरने वाली मां की छाती पर आग और उसके बाद उसके मुख ही नहीं शरीर पर कालिख? जी हां एैसा ही कुछ … Read more

पारम्परिक पेशा या मजबूरी : हैरतअंगेज करतब दिखाकर पेट पालने की जुगत में बच्चे

उम्र खेलने-कूदने की हो और स्कूल जाकर तालीम हासिल करने की लेकिन इन पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इन्हें विरासत में मिली अपनी परम्परा का निर्वहन जो करना है। यही कारण है कि ये कम उम्र में ही पेट पालने तथा परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अपने नाजुक कन्धों पर लेकर शहर दर शहर … Read more

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