अन्ना को अब पूर्ण विश्राम ले लेना चाहिए

-राजेन्द्र सिंह हीरा- जहाँ तक अन्ना जी को थोडा बहुत मैं समझ पाया हूँ , उसका लबोलुबाब यह है कि अन्ना जी ने अपने 30 साल के आंदोलनों में नए नए मुकाम तय किये. हर आंदोलन में उनका मकसद , उनकी टीम अलग होती थी. मकसद पूरा होने पर वे आगे बढ़ जाते थे , किसी … Read more

लोकपाल के असली जनक तो केजरीवाल हैं

-डॉ. वेद प्रताप वैदिक- लोकपाल विधेयक जिस हड़बड़ी में कानून बनने जा रहा है, वह अटपटा है, क्योंकि इसके कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर संसद में ही नहीं, संसद के बाहर भी जमकर बहस होनी चाहिए। देश की सारी अक्ल का ठेका संसद ने ले रखा हो, ऐसा नहीं है। संसद ने यों अब … Read more

राजस्थान विधानसभा चुनाव और महिलाएं

-बाबूलाल नागा- चौदहवीं विधानसभा चुनावों में एक तरफ महिला मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई तो दूसरी तरफ 28 महिलाएं चुनकर विधानसभा में पहुंची हैं। इस बार कुल 168 महिलाओं ने चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाई थीं। स्वतंत्र भारत में 1952 से वर्ष 2013 तक राजस्थान विधानसभा के चौदह बार हुए चुनाव में अब … Read more

“आप ” को दिल्ली में सरकार बनानी चाहिए

“मैंने अरविन्द केजरीवाल जी और मनीष सिसोदिआ जी को यह सन्देश भेजा है कि “आप ” को दिल्ली में सरकार बनानी चाहिए. कारण मैं यह मानता हूँ कि दिल्ली की जनता का जनादेश “आप ” के लिए ही था. बस थोड़ी सी कमी रह गयी. बहुत सी सीटों पर बीजेपी बस थोड़े से अंतर से … Read more

पिता से सीखा पाठ

लावोन स्टेनर सात भाई-बहन थे और वे सभी पारिवारिक व्यवसाय में अपने पिता की दुकान में काम करते थे. लावोन के जीवन में क्रिसमस के त्यौहार से पहले घटी एक घटना ने उनपर अत्यधिक प्रभाव डाला. जब लावोन आठवीं कक्षा में पढ़ते थे, तब वे अपने पिता की दुकान के खिलोने वाले सेक्शन में काम … Read more

चौबे से छब्बे बनने के चक्कर में कहीं दुबेजी बनकर न रह जाए ‘आप’

-डॉ. वेद प्रताप वैदिक- ‘आप’ पार्टी ने जो चमत्कार दिल्ली में किया है, वह अन्य प्रांतों में पहले भी हो चुका है। आंध्र में 1983 में ‘तेलुगु देशम’ और असम में ‘अगप’ ने 1985 में इतनी सीटें और वोट प्राप्त कर लिए थे कि अनुपात की दृष्टि से देखा जाए तो वे ‘आप’ से भी … Read more

जीतकर भी हार गई भाजपा

-सुन्दर लोहिया- जिन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए उनमें राजस्थान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ देश के बीमारु राज्य कहलाते हैं। इन राज्यों में विकास की अपेक्षा जाति को देश के बजाय धर्म को महत्व दिया जाता है। दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ प्रबुद्ध और जागरूक जनता का केन्द्र माना जा सकता है। इसलिए … Read more

बढ़ते दुष्कर्म…बेफिक्र अधिकारी !

दुष्कर्म के 2012 में सबसे ज्यादा 2049 मामले सामने आए  1975 में सबसे कम 164 मामले आए सामने  वर्ष 2007 से 2012 तक दुष्कर्म के मामले बढ़ते ही जा रहे है फिलहाल पुलिस की 2013 की रिपोर्ट अभी जारी होना बाकी कांग्रेस सरकार के कुछ मंत्री और विधायक अभी जेल में  तो आस्था का प्रतीक … Read more

भारतीय शिक्षा – बूचड़खानों के हाथ में गौशाला ?

जी हाँ ! कल्पना करो, गौशाला में गाय की जो भूमिका है वहीं विद्यालयों में शिक्षक की है। मान लीजिए 100 परिवार मिल कर शुद्ध दूध पीने के लिए एक गौशाला बनाने के इच्छुक किसी व्यक्ति जिसका नाम सुरेश है से सम्पर्क करते हैं। 100 परिवारों को शुद्ध दूध चाहिए और एक व्यक्ति गौशाला चलाने … Read more

एक औरत की मांग पर अमल -आंख के बदले आंख

तवील  इंतज़ार  के  बाद वह दिन आया जब नसीम बानो को इन्साफ मिला. पांच  साल पहले एल दिन वह काम से घर लौट रही थी जब राहत अली नाम के  व्यक्ति ने तेज़ाब से भरी बाटली  उसके चहरे पर उंडेल दी.  नतीजा यह हुआ कि उसकी आँखों की रोशिनी जाती रही और वह बहुत बुरी तरह से झुलस कर रह  गई. नसीम बानो  लगातार राहत अली के हर शादी के प्रस्ताव को ठुकराती रही, और वे धमकियाँ भी नज़र-अंदाज़ करती रही जो  राहत अली उसे देता रहा कि वह उसे … Read more

राष्ट्रीय एकीकरण की राह में रोड़ा है अनुच्छेद 370

–आशुतोष भटनागर- जम्मू-कश्मीर भारतीय संघ का वैसे ही अभिन्न अंग है जैसे कोई भी अन्य राज्य। जम्मू-कश्मीर का प्रत्येक निवासी भारतीय नागरिक है और उसे वे सभी अधिकार हासिल हैं जो भारत के किसी भी नागरिक को हैं। संविधान का कोई भी प्रावधान उसे मौलिक अधिकार प्राप्त करने से रोक नहीं सकता। अगर अनुच्छेद 370 की … Read more

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