पदमेश गुप्त की रचनाओं का देवी नागरानी द्वारा अनुवाद
मूल: पदमेश गुप्त संपादक एवं प्रकाशक पत्रिका पुरवाई 1. बर्लिन दीवार बर्लिन दीवार का वह टूटा हुआ पत्थर कल मुझसे बोला, मुझे इतनी घृणा से मत देखो मेरे ज़ख्म इतिहास के घाव के मरहम हैं, मैं तो तुम्हारी हर धार हर चुभन को सहने को तैयार था तुम मुझे तराश कर ईसा भी बना सकते … Read more