भारत, चुनाव और नरेन्द्र मोदी

-कविता वाचक्नवी- जो लोग ऐसा समझ रहे हैं कि अमुक व्यक्ति शासन में आ जाए तो देश का तुरंत आमूलचूल कायाकल्प हो जाएगा या हो जाना चाहिए वे भ्रम में हैं क्योंकि भले ही कोई भी नेता आ जाए, भारत में सकारात्मक बदलाव नहीं आने वाला। वह इसलिए क्योंकि राजनीति का यह लोकतन्त्र उसे कुछ करने … Read more

नकली हिजडों के आतंक से जूझते रेल यात्री

रेल प्रशासन सहित सुरक्षा विभाग पर उठ रहे प्रश्र -डा. एल. एन. वैष्णव- भोपाल / भले ही रेल विभाग यात्रियों की सुरक्षा का दम भरे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर कहती देखी जा सकती है। यात्री गाडियोंं में जहां एक ओर अनाधिकृत खाद्य सामग्री बेचने वालों का दबदबा बना रहता है तो वहीं हिजडों, जिनके नकली … Read more

क्या मोदी के मामले में संभव नहीं है मध्यमार्ग …!!

-तारकेश कुमार ओझा- मुद्दा नहीं मोदी आधारित चुनाव। 2014 के लोकसभा चुनाव का मेरे ख्याल से यही लब्बोलुआब रहा। इस चुनाव के दौरान महंगाई व बेरोजगारी समेत जनता से जुड़े तमाम मुद्दे नेपथ्य में चले गए। जबकि मोदी का समर्थन या विरोध ही पूरे राजनैतिक परिदृश्य पर छाया रहा। एक नजरिए से देखा जाए, तो यह … Read more

Adam & Eve

The EVE of my heart at every dawn Dreams of a life’s paradise on earth The ADAM that is in my heart Is thrilled, at the beauty of EVE So serene, so pure as a lily Making a perfect link Between him and life. But the invisible wings of deadly death Crawl to come closer … Read more

ये हैं शिवसेना के ‘मोदी’…

-सुप्रिया सोगले- लोकसभा चुनाव प्रचार में अगर कोई एक शख़्सियत हावी दिखती है तो वो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी हैं. लेकिन शिवसेना के पास अपने ‘नरेंद्र मोदी’ हैं. ये हैं मोदी के हमशक्ल विकास महंते जिनसे बीबीसी ने मुंबई में मुलाक़ात की. मलाड में रहने वाले विकास महंते पेशे से व्यापारी है. क़रीब दो … Read more

महान सूफी संत ख्याजा मुइनुद्दीन हसन चिश्ती

सूफी संत ख्याजा मुइनुद्दीन हसन चिश्ती का सालाना उर्स (पुण्य तिथि) इस्लामिक कलेण्डर के रजब माह की 1 से 6 तारीख तक मनाया जाता है। दूर-दूर से देश विदेश के लोग गरीब नवाज की मजार पर अकीदत के फूल पेश करने खिंचे चले आते हैं। उर्स के दौरान लाखों लोगों के अजमेर में एकत्रित होने … Read more

श्रम को मत शर्मसार करो लोगों

श्रम दिवस है श्रम को मत शर्मसार करो लोगों श्रमिक तोड़ता है चट्टानें और घमंडी का घमंड श्रमिकों की संवेदनाओं से मत खेलो हथेलियों पर उभरी लकीरों से नहीं बनते मैदान पहाड़ों को काटने वाली लकीरविहीन हथेलियों को पहचानो जान लो क्यों है श्रमिक की ऐड़ियों में बिवाई श्रम को मत शर्मसार करो लोगों 0000000000 … Read more

जम्मू में जलाल के आँसू

ब्रिटिश शासन काल के दौरान नई दिल्ली के त्रि-मूर्ति भवन में भारत के ब्रिटिश सेनापति रहा करते थे। यही त्रि-मूर्ति भवन आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू का निवास स्थान बना। प. नेहरू की 1964 में मृत्यु हो जाने के बाद से इस भवन को उनके स्मारक के रूप में … Read more

जब शर्मा साहब जोनल मजिस्ट्रेट बने

शर्माजी सरकारी नौकरी में इंजीनियर थे. ठहरिये, मैं आपको उनका पूरा नाम बताता हूं, आगे काम आएगा. वह कभी अपने आपको डीसी शर्मा तो कभी दिनेष चंद शर्मा लिखते थे. एक बार चुनाव में सरकार ने उनकी सेवाएं लेनी चाही अत: एक रोज चुनाव आयोग से एक साथ दो-दो ऑर्डर उन्हें मिले. पहला आदेश डीसी … Read more

Life after Death

The soft velvety melody That rings in  ears Enables one to hear with deaf ears To see the dazzling light with blind eyes To feel the silky touch of the breaths Which follow one another in connectivity To be able to experience life awaiting On the other side of death. -Devi Nangrani ज़िंदगी मौत के … Read more

कलयुग के महाभारत में काशी कैसे कुरुक्षेत्र बन गयी

-पुण्य प्रसून बाजपेयी- गंगा और बुनकर। एक काशी के आस्तित्व की पहचान तो दूसरा प्रतीक और रोजी रोटी। नरेन्द्र मोदी ने बनारस में पर्चा भरते वक्त इन्ही दो मुद्दों को उठाया। लेकिन इन दोनों मुद्दों के साय में अगर बनारस का जिक्र होगा और वह भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर तो फिर आने वाले … Read more

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