“सगठन सर्वोपरी”

दोस्तो, कालेज कि जो स्थिति चल रही है उस पर अपनी प्रतक्रिया देना चाहता हुं कि जो भी हो रहा है अब लगता राजनिति में भी राज है। मालुम नही सभी संगठनो में “सगठन सर्वोपरी “कि बात अब भुल चुके है लगता है स्वार्थ सर्वोपरी हो रहे है। इससे संगठनो को काफी नुकसान होता है। … Read more

सबसे हल्का काम …..

हम लोग सबसे हल्का काम कर रहे है ….आलोचना…हां हो सकता है आन्दोलन में कुछ गलतीयां हो सकती है संचालन में कमी या फिर मेरी बात कहुं तो आज भी देश तैयार नही इन आन्दोलन के लिये ।……अगर ये आन्दोलन फेल हुआ है तो ये हमारी हार है ….जो वातावरण उन्होने बनाया है वो काबिले … Read more

वीरांगना हो तो ऐसी!

कहते है न कि मूंछें हो तो नत्थूलालजी जैसी वैसे ही अब कहा जाने लगा है कि वीरांगना हो तो मधुरा जैसी. वाह! क्या घुसपैठ की है ? ना किसी खेलकूद की तैयारी में हिस्सा लिया ना किसी सरकारी दल में नाम था, ना ही निर्धारित यूनीफार्म पहनने को मिली, सीधे ही दल में घुसपैठ … Read more

राम-रहीम आश्रमः आरती-अज़ान में फ़र्क़ नहीं

ना कोई उनकी माली हैसियत है और न ही वो बड़ी सामाजिक हस्ती है. लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में गोपाल जाट और मोहम्मद उमर मंसूरी का ‘राम रहीम सेवा दल’ बुजुर्ग और बे-सहारा औरतो के लिए एक मिसाल बना हुआ है. वे इन उपेक्षित महिलाओं को तीर्थ यात्रा पर ले जाते है. साथ ही, रोज़मर्रा … Read more

अशोक गहलोत पर मंडराए काले बादल

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। पार्टी के असंतुष्ट तो कांग्रेस हाईकमान के सामने गहलोत को घेरने में जुटे ही हैं, पार्टी के पारम्परिक वोटर के रूप में पहचाने जाने वाला मुस्लिम समुदाय भी गहलोत से नाराज है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने तो गहलोत की तुलना गुजरात के मुख्यमंत्री … Read more

आकाश मेरा है

सिंधी से अनूदित कहानी अचानक कुछ हो जाए तो…! इस विचार ने नरेश को झकझोर दिया। उसे मघी की चिंता हुई। मघी, उसकी अर्द्धांगिनी। उसके सुख दुख की सहयोगी। जब भाई बहिन और मां बाप तक ने बीमारी में उसकी सुध नहीं ली तब भी मघी ने हिम्मत नहीं हारी। वह उसे मातृत्व का सुख … Read more

दीवान व खादिमों की छींटाकशी गलत

आज कल मीडिया (अखबार और टीवी) और फेसबुक आदि माध्यम से खादिम समुदाय और दरगाह दीवान एक दुसरे पर छीटाकशी कर रहे है जो बिलकुल गलत है और पुरे देश में एक गलत सन्देश जाता है. कुछ लोग खादिमो के पूर्वजो के बारे में टिपण्णी कर रहे है जो एक इतिहास का एक शोध का … Read more

वैरी गुड़

जब से होश संभाला मैंने, मैं हँसता रहा,/ मेरे एड्मिसन को लेकर, घर में चल रहे तनाव,/ व एड्मिसन हो जाने पर, घर में छाई ख़ुशी ने,/ मुझे,स्कूल नहीं जाऊँगा, जैसी मासूम जिद,/ करने का कोई मौका दिए बगैर,स्कूल में धकेल दिया./ मन रोया बहुत, मैं हँसता रहा ………… . स्कूल में भी घर का … Read more

सायरन

एम्बुलेंस का सायरन सुनकर मैने  हथेली की गर्माहट महसूस की अपने दिल पर, सुबह रक्तचाप की एक गोली के एवज में दिन भर धड़कते रहने का वादा तो किया था इसने, अनजाना-सा रिश्ता बंधने लगा उस अपरिचित से, जो शायद पंहुचा होगा अस्पताल ? या शायद कभी नहीं ? मैं अब जल्दी से जल्दी घर पहुंचकर, पति … Read more

मेंढ़की को ब्याह रचायौ, सुनो जी सरकार!

कहते हैं कि बुद्धिमान लोग तो लिफाफा देख कर ही उसका मजमून भांप लेते हैं और एक मैं हूं कि पत्र खोल कर पढऩे के बाद भी कुछ पता नहीं लगा सका कि पत्र का आशय क्या है? उसमें लिखा था, आ रही है। कौन आ रही है? क्यों आ रही है? कब आ रही … Read more

एक कर्मयोगी युवा की कहानी

नौगॉव जो कि बुन्देलखण्ड की राजधानी के रूप में नौगॉव गिना जाता हैएबात उस समय की है जब भारत देष को आजाद हुये 20 साल हो चुके थेंए सन् 1967 में हायर सेकेण्ड्री नोगॉव में एक अनुषासन था तथा षिक्षक व छात्र के बीच में निर्मला थी तथा षिक्षक अपने छात्र को किसी न किसी … Read more

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