आओ फिर से दीप जलाये
आओ फिर से दीप जलाये , पर नया अटल कहा से लाए ? चोरो और अँधेरा छाया ,लील गया मेरे भारत को । सब ने मिलकर अपनाया है ,बईमानी के महारत को । लूट लूटेरे ले गये ,और घूम रहे है मस्ती में । कोई सत्य बोलने वाला नही है,इस अन्धो की बस्ती में । भा … Read more