जब से मिला हूँ तुमसे
डा.राजेंद्र तेला,”निरंतर” जब से मिला हूँ तुमसे जो काटने को दौड़ता था अब अच्छा लगने लगा मन खुश दिल मदहोश रहने लगा चेहरा चमकने लगा जब से मिला हूँ तुमसे रातों को जागने दिन में ख्वाब देखने लगा ख्यालों में खोने लगा जब से मिला हूँ तुमसे आसमान में उड़ने का नाचने गाने का मन … Read more