आशंका संकट को न्यौता देती है?
हाल ही बेहद जीवट वाली पत्रकार श्रीमती राशिका महर्षि से चर्चा के दौरान एक विषय निकल कर आया। वो ये कि आदमी को आशंका में नहीं जीना चाहिए। आशंका में जीने से हम जिस भी बात की आशंका कर रहे होते हैं, वह घटित हो सकती है। इसके विपरीत यदि हम अपरिहार्य आशंकित स्थिति में … Read more