अजमेर के पत्रकारों-साहित्यकारों की लेखन विधाएं

भाग बाईस श्री विकास छाबड़ा छोटे समाचार पत्रों के संचालकों में श्री विकास छाबड़ा आज एक जाना-पहचाना नाम है। एक पत्रकार के रूप में उनकी सोच पूरी तरह से सकारात्मक है। बेशक सिस्टम में खामी पर पूरा प्रहार करते हैं, मगर व्यक्ति विशेष के खिलाफ लिखने से सदैव परहेज रखते हैं। पीत पत्रकारिता से उन्हें … Read more

महाराष्ट्र ने किया नई राजनीतिक दिशा का आगाज

देवेन्द्र फडनवीस ने कर दी बहुत बड़ी चूक गेम चेंजर के रूप में उभरे शरद पवार -तेजवानी गिरधर- सत्ता की खातिर हालांकि धुर विरोधी पार्टियों के एक मंच पर आने की शुरुआत पहले ही हो चुकी है, मगर महाराष्ट्र में जिस प्रकार शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के … Read more

एक ही बार राम का नाम लिया और खेल खत्म

एकाग्रता का बड़ा महत्व है। चाहे ध्यान या समाधि में, चाहे संसार के दैनंदिन कार्यों में। जो भी काम हम एकाग्रता से करते हैं, उसके पूरे होने की संभावना बढ़ जाती है। एकाग्रता के अनेक उदाहरण भी हमारी जानकारी में हैं। सर्वाधिक चर्चित है अर्जुन और चिडिय़ा की आंख वाला प्रसंग। अर्जुन जब चिडिय़ा की … Read more

गांधीजी के दर्शन में कीजिए सकारात्मकता के दर्शन

विद्वान हमें जीवन में सकारात्मक बने रहने की सीख देते हैं। वे कहते हैं कि कितना भी कष्ट हो, कैसी भी परेशानी हो, धैर्य से उसे सहन करें और सकारात्मकता बरकरार रखें। बुराई में भी उसके अच्छे पक्ष को देखें। ऐसा कहना बहुत आसान है, मगर उसे दैनंदिन जीवन में अपनाना जरा कठिन है। उसकी … Read more

भगवान दयालु नहीं है?

एक कहावत है कि जो होता है, वह अच्छे के लिए होता है अथवा जो होगा, वह अच्छे के लिए होगा। मैं इससे तनिक असहमत हूं। मेरी नजर में हमारे साथ वह होता है, जो उचित होता है। उसकी वजह ये है कि प्रकृति अथवा जगत नियंता को इससे कोई प्रयोजन नहीं कि हमारा अच्छा … Read more

अजमेर के पत्रकारों-साहित्यकारों की लेखन विधाएं

भाग इक्कीस श्री उमेश कुमार चौरसिया अजमेर के साहित्य जगत व रंगकर्मीय पटल पर सर्वाधिक सक्रिय व ऊर्जावान हस्ताक्षरों में से एक हैं श्री उमेश कुमार चौरसिया। साहित्य को समर्पित यह शख्स न केवल अपनी सुवास बिखेर रहा है, अपितु नवोदित लेखकों को भी पल्लवित व पुष्पित करने में जुटा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों … Read more

अजमेर के पत्रकारों-साहित्यकारों की लेखन विधाएं

भाग बीस श्रीमती मधु खंडेलवाल यूं तो श्रीमती मधु खंडेलवाल कई वर्षों से साहित्य व समाज की सेवा कर रही हैं, मगर अजमेर में पहली बार लेखिकाओं को एक मंच पर ला कर साहित्याकाश पर यकायक उभर कर आ गई हैं। प्रतिदिन किसी न किसी कार्यक्रम का हिस्सा बन कर अब वे एक जाना-पहचानी हस्ताक्षर … Read more

निकाय प्रमुख के मुद्दे पर सरकार अपने स्टैंड पर कायम

निकाय प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया को लेकर पिछले दिनों जिस प्रकार विवाद हुआ और जिस तरह से उसका पटाक्षेप हुआ, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने यूटर्न लिया है, जबकि हकीकत ये है कि सरकार अब भी अपने स्टैंड पर अब भी कायम है। इसको लेकर जारी अधिसूचना अब भी अस्तित्व में … Read more

अजमेर के पत्रकारों-साहित्यकारों की लेखन विधाएं

भाग उन्नीस श्री गजेन्द्र के. बोहरा पत्रकारिता व समाजसेवा के क्षेत्र में श्री गजेन्द्र के. बोहरा का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पत्रकारिता में तो उन्होंने लंबा सफर तय किया ही है, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों के साथ काम करने का भी उनका अच्छा खासा अनुभव है। विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में … Read more

क्या वाकई मजबूरी का नाम महात्मा गांधी है?

जब भी किसी काम की मजबूरी होती है तो महात्मा गांधी को याद किया जाता है। याद है न ये जुमला – मजबूरी का नाम महात्मा गांधी। यह जुमला कब और किसने फैंका, कैसे ईजाद हुआ, इसका तो पता नहीं, मगर अब यह चरितार्थ हो गया है। संघ व भाजपा की जिस विचारधारा ने सदैव … Read more

अजमेर के पत्रकारों-साहित्यकारों की लेखन विधाएं

भाग अठारह श्री ओम माथुर अजमेर के प्रतिष्ठित व स्थापित पत्रकारों में शुमार श्री ओम माथुर यहां के पत्रकार जगत में अपनी किस्म के अनूठे पत्रकार हैं। अन्य पत्रकारों की तरह उन्हें भी अच्छे ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने अपनी उस जमीन को नहीं छोड़ा, जिसने उन्हें स्थापित किया और आज पत्रकारों की शीर्ष पंक्ति में … Read more

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