क्या मोरनी मोर के आंसू से गर्भवती होती है?

बचपन में मैने एक प्रसंग सुना था। वो ये कि मोर मोरनी को रिझाते वक्त अपने खूबसूरत पंखों को देख कर इठलाता है, लेकिन जैसे ही अपने बदसूरत पैर देखता है तो दुखी हो जाता है। उसकी आंखों से आंसू बहने लगते है। मोरनी तुरंत उसके आंसू पी लेती है और उसी से उसके भीतर … Read more

ईश्वर पुरुष है या स्त्री?

हालांकि ईश्वर को त्रिगुणातीत और निराकार माना जाता है। उसका कोई लिंग नहीं, अर्थात न तो वह पुरुष है और न ही स्त्री। बावजूद इसके प्रचलन में यही है कि जब ही हम उसके बारे चर्चा करते हैं, जिक्र करते हैं तो उसे पुरुषवाचक के रूप में ही संबोधित करते हैं। कहते हैं न कि … Read more

रोंगटे क्यों खड़े होते हैं?

आपने कई बार महसूस किया होगा कि अचानक भय, उत्साह, खुशी या भावुकता की तीव्र अवस्था में आपके हाथ-पैरों के बाल खड़े हो जाते हैं। इसे रोंगटे खड़ा होना कहते हैं। अचानक ठंड लगने पर भी हाथ व पैर के बाल खड़े हो जाते हैं। हमारी तरह जानवरों के बाल भी खड़े होते हैं, जो … Read more

मूर्ति को प्रसाद चढ़ाते समय पर्दा क्यों किया जाता है?

आप जानते ही हैं कि जब भी भगवान की मूर्ति को प्रसाद चढ़ाया जाता है तो प्रसाद चढ़ाने के बाद पर्दा किया जाता है, ताकि वे प्रसाद ग्रहण कर लें। यदि मंदिर में पर्दे की व्यवस्था नहीं है तो प्रसाद की थाली पर ही कपड़ा ढ़क दिया जाता है। बिना पर्दे के भी तो प्रसाद … Read more

अच्छे लोगों को भगवान अपने पास जल्दी बुला लेता है?

आम तौर पर यदि किसी सज्जन व्यक्ति का कम उम्र में ही देहावसान हो जाता है तो यही कहा जाता है कि भगवान अच्छे लोगों को अपने पास जल्द बुला लेता है। ऐसे उदाहरण ऐसे हैं भी, मगर इस धारणा का आधार क्या है, इसको लेकर सवाल उठते हैं। ऐसी क्या वजह है कि भगवान … Read more

झूठ बोलने से कोई पाप नहीं लगता?

सत्य की बड़ी महिमा है। इतनी कि उसके लिए बाकयदा एक सूत्र है:- सत्यमेव जयते। अर्थात सत्य की सदा जीत होती है। सत्य को ईश्वर का ही रूप माना जाता है। इसीलिए यह शिक्षा दी जाती है कि सत्य बोलो, झूठ मत बोलो। झूठ बोलने से पाप लगता है। सवाल उठता है कि क्या झूठ … Read more

आदमी से ज्यादा जीव-जंतु समझते हैं प्रकृति के इशारों को

इसमें कोई दोराय नहीं कि आदमी का दिमाग सुपर कंप्यूटर है। उसी सुपर कंप्यूटर ने अद्भुत वैज्ञानिक अविष्कार किए हैं। प्रकृति के संकेतों को समझने के लिए कई उपकरण भी बनाए हैं। बारिश का पूर्वानुमान लगाने के लिए यंत्र बनाए हैं, मगर वे भी कई बार विफल हो जाते हैं। दूसरी ओर मंद बुद्धि जीव-जंतु … Read more

क्या हवाई मदद हमजाद के रूप में आती है?

पिछले एक ब्लॉग में हमने छाया पुरुष अर्थात हमजाद की चर्चा की थी। हमजाद हमारी ही हूबहू कॉपी होती है और उसके पास हमसे भी कई गुना अधिक शक्तियां होती हैं। वह दूरस्थ कहीं भी जा सकता है और बहुत कुछ कर सकता है। इसी सिलसिले में कुछ उदाहरण ख्याल में आते हैं, जिनको साझा … Read more

बहुत रहस्यपूर्ण है चालीस का अंक

यूं तो हर अंक का अपना महत्व है, लेकिन विशेष रूप से प्रकृति और अध्यात्म में चालीस के अंक की बहुत अधिक अहमियत है। चाहे हिंदू हो या मुसलमान, या फिर ईसाई धर्म, सभी में चालीस का खास योगदान है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि कहीं न कहीं प्रकृति में चालीस का अंक कोई … Read more

हमारा छाया पुरुष या हमजाद हमसे भी अधिक ताकतवर होता है?

क्या आपको पता है कि हमारी ही फोटोकॉपी, हमारा ही प्रतिरूप, हमारा ही प्रतिबिंब, हमारी ही छाया या उसे क्लोन की भी संज्ञा दे सकते हैं, हमारे साथ हर वक्त मौजूद है? इतना ही नहीं, वह हमसे भी अधिक ताकतवर होता है। हम चूंकि शरीर में कैद हैं, इस कारण हमारी सीमा है, मगर हमारा … Read more

क्या भगवान के नाम पर अपना नाम रखना गुनाह है?

आजकल बच्चों के नाम अलग तरह से रखे जाने लगे हैं। कोई संस्कृत भाषा का नाम तलाशता है तो कोई अंग्रेजीदां। कोई महाभारत कालीन या रामायण कालीन पात्रों के नाम रखता है तो कोई अत्याधुनिक अंग्रेजी नाम रखता है। जैसे भीष्म, कुन्ती, कर्ण सिंह, युधिष्ठिर, भीम सिंह, नकुल, कौस्तुभ या अर्जुन और दशरथ सिंह, सीताराम, … Read more

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